हरिद्वार। अस्थि विसर्जन के लिए आने वाले लोगों को प्रशासन ने राहत दे दी है। पहले चार घण्टे की अनुमति के सापेक्ष अब तीन लोगों के साथ चैबीस घण्टें हरिद्वार में रूक सकेंगे। इस संबंध में जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बीती रात आदेश जारी कर दिए। आदेश के अनसार हरिद्वार आने वाले यात्रियों को होटल, धर्मशालाओं में 24 घंटे तक रह सकेगे। इससे अधिक रहने पर यात्री को होटल में ही 7 दिन तक क्वारंटाइन रहना होगा। लेकिन शर्त अब भी यथावत रखी गयी है कि यात्री सार्वजनिक स्थल पर घूम नहीं सकेगा। इस मामले में होटल एशोसिएशन ने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और जिलाधिकारी को होटल खोलने के लिए मांग पत्र सौंपा था। हरिद्वार में अस्थि विसर्जन और अन्य कर्मकांड को लेकर पहुंचने वाले लोगों के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। नारसन बार्डर से हरिद्वार में चार से छह घंटे तक रुकने की अनुमति दी जा रही थी। इस कारण यात्री के साथ ही व्यापारियों को भी दिक्कतें हो रही थी। शनिवार रात को जिलाधिकारी के आदेश जारी किये गये है। नए आदेशों के मुताबिक हरिद्वार में अस्थि विजर्सन के लिए बाहर से आने वाले लोगों को 24 घंटे होटल, लॉज, धर्मशाला में रहने का अधिकार दिया गया है। यात्री को क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा। जबकि होटल, धर्मशालाओं वालों को सख्त आदेश दिया गया है कि ठहरने वाले लोगों का डाटा सुरक्षित रखना होगा। अस्थि विसर्जन को आने वाले दो लोगों के साथ एक चालक को रहने की अनुमति ही दी गई है। इसके अलावा और कोई यात्री नहीं रुक सकेगा। आदेश आने के बाद होटल एसोसिएशन के लोगों ने जिलाधिकारी के आदेशों का स्वागत किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा का कहना है कि यात्रियों को दिक्क्तें हो रही थी। एसोसिएशन ने अपनी बात सरकार के समक्ष रखी थी। नियमों का पालन कर यात्रियों को कमरे उपलब्ध कराय जाएंगे। स्वागत करने वालों में संजय अग्रवाल, संदीप अग्रवाल, दीपक कपूर समेत कई होटल कारोबारी शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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