हरिद्वार। उत्तखंड के पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य ने पशु चिकित्सा विभाग के जिला स्तरीय केंद्रीय औषधि भंडार में औचक छापेमारी कर कई अनियमितताएं पकड़ी हैं। राज्यमंत्री ने करीब चार घंटे तक दवाईयों के स्टॉक, बिल और तमाम रजिस्टरों को खंगाला। उन्होंने मामले में घोटाले की आशंका जताते हुए उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की बात कही है। बुधवार सुबह करीब साढे दस बजे प्रदेश की पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य हरिद्वार रेलवे स्टेशन के सामने मायापुर रामलीला मैदान के पास बने पशु चिकित्सा विभाग के जिला स्तरीय केंद्रीय औषधि भंडार में औचक छापेमारी करने पहुंची। मंत्री को देख स्टोर प्रभारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। मंत्री ने स्टोर के दफ्तर में सुबह करीब 10.45 बजे से दवाईयों के बिल, स्टॉक रजिस्टरों की जांच करनी शुरू की। दोपहर करीब 2.30 बजे तक जांच की गई। मंत्री की छापेमारी में सामने आया कि जितनी दवाईयों के बिल दिए गए हैं। उतना स्टॉक भी नहीं मिला। निरीक्षण में पाया गया कि खरीदी गई दवाई अभी तक भी गोदाम तक नहीं पहुंची जबकि रजिस्टर में दवाईयों का पूरा रिकॉर्ड दर्ज दिखाया गया है। दवाई को रजिस्टर में दर्ज किया है। लेकिन लाभार्थियों को उनका वितरण ही नहीं हुआ और भुगतान कर दिया गया। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बीसी कर्नाटक को भी मौके पर बुलाकर फटकार लगाई। जबकि इससे पहले औषधि भंडार प्रभारी विकास चैहान को भी लताड़ लगाई। मंत्री रेखा आर्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि औषधि भंडार में रजिस्टरों की जांच में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। पशुओं के पेट में कीड़े मारने वाली समेत कई दवाईयों को लेकर यहां कोताही बरती जा रही है। पशुपालकों तक दवाईयां नहीं पहुंच पा रही है। पूरे रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। जांच के बाद दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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