हरिद्वार। लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हुए वीर सैनिकों की स्मृति में सुराज सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी के संयोजन में कार्यकर्ताओं ने प्रेमनगर गंगा घाट पर हवन यज्ञ व शान्ति पाठ का आयोजन किया। कार्यकर्ताओं ने शहीद सैनिको को नमन करते हुये गंगा में पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्वाजलि दी। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी ने कहा कि पूरा देश वीर शहीद सैंनिको के सम्मान व उनके परिजनों के साथ खड़ा है। देश की बहादुर सेना किसी भी चुनौती का सामना करने में पूरी तरह सक्षम है। सीमाओं की रक्षा कर रहे वीर भारतीय सैनिकों पर चीनी सैनिकों ने धोखे से हमला कर कायरता का परिचय दिया है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चीन की इस कायराना हरकत का केंद्र सरकार को कड़ा जवाब देना चाहिए। केंद्र सरकार को चीन से आयात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा देना चाहिए। भारतीय सीमाओं में चीन या किसी भी अन्य देश की दखल किसी सी सूरत मंे सहन नहीं की जायेगी। रमेश जोशी ने केन्द्र सरकार अपील करते हुये कहा कि सीमा पर शहीद हुये सैनिकों के परिजनो को दो-दो करोड़ आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। जिला अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश जोशी ने कहा कि देश दुनिया में भारतीय सेना को सबसे बहादुर सेना के रूप में जाना जाता है। देश के वीर जवान सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने से भी पीछे नहीं हटते हैं। पूरी दुनिया को कोरोना वायरस जैसी बीमारी देने वाले चीन का सभी देशों का बहिष्कार करते हुए उससे सभी तरह के संबंध समाप्त कर देने चाहिए। कोषाध्यक्ष हरबीर सिंह ने कहा कि भारतीय सीमाओं में घुसपैठ की कोशिश कर रहे चीन ने सोची समझी साजिश के तहत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैलाया है। ऐसे देश से सचेत रहने की आवश्यकता है। देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले वीर शहीदों को मां गंगा अपने चरणों में स्थान दे। हवन यज्ञ व श्रद्धांजलि देने वालों में कमल, प्रकाश, बंटी, भुवनचंद मलकानी, गोपाल दत्त जोशी, गिरीश चंद पंत, उमेशचंद उप्रेती, हिमांश जोशी, गगन, संजीव, गुड्डु चैधरी, पंडित गोपाल जोशी आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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