हरिद्वार। अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संकाय के एक भारत श्रेष्ठ भारत प्रकोष्ठ द्वारा तनाव प्रबंधन पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का उद्घाटन करते हुए गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने आज के समय में तनाव मुक्ति के समाधानों की महत्ता बताते हुए युवाओ में तनाव के कारण हो रहे मानसिक अवसाद की ओर भी ध्यान देने की बात कही। अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. पंकज मदान ने भी तनाव प्रबंधन को सबके जीवन में जरुरी बताया और सभी प्रतिभागियों को एस वेबिनार में जुड़ने पर धन्यवाद दिया। आयुर्विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. ईश्वर भारद्वाज ने बताया की मानसिक अवसाद का मुख्य कारण ही तनाव है और योग के अभ्यास से इसको कम किया जा सकता है। योगाचार्य डॉ. सुरक्षित गोस्वामी ने अपने व्याख्यान में तनाव के कारण होने वाली परेशानियों के बारे में बताया और उनके प्रबंधन के लिए योग आसन एवं प्राणायाम के माध्यम से किस प्रकार हम तनाव को कम कर सकते हैं यह भी सबको सिखाया। जीवन में उत्साह की कमी और खुश ना रहने से, काम के दबाव में और विभिन्न परेशानियों से द्रवित होकर मनुष्य तनाव महसूस करता है और उससे ग्रसित होने के बाद उसको तनाव प्रबंधन की जानकारी नहीं होती जिससे वह और ज्यादा तनाव में रहने लगता है। कहा कि अपने जीवन में खुश रहें अपने आप को स्वस्थ रखें, स्वस्थ और रुचि पूर्ण भोजन करें जिससे आपका स्वास्थ्य ठीक रहे और आप मानसिक तनाव से दूर रहें। वेबिनार में डॉ. लोकेश कुमार जोशी, डॉ. सुयश भारद्वाज ने भी प्रतिभागियों को जीवन में योग अपनाने के लिए प्रेरित किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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