हरिद्वार। विभिन्न मांगो को लेकर भेल में कार्यरत विभिन्न यूनियनों के बैनर तले कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। 11 यूनियनों द्वारा संयुक्त रूप से अपनी मांगों को लेकर भेल प्रबंधन के खिलाफ सीएफएफपी गेट पर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान यूनियन के पदाधिकारियों ने भेल के कारपोरेट व स्थानीय प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर अपना विरोध जताया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि भेल प्रबंधन द्वारा श्रमिकों के वेतन में से 50 फीसदी पर्क्स कटौती की जा रही है। इसे बंद कर की गई कटौती का भुगतान किया जाए। कहा कि भेल प्रबंधन 2018-19 का बोनस व एसआईपी की दूसरी किश्त का भुगतान जल्द करे और भेल प्रबंधन द्वारा कैन्टीन सब्सिडी को खत्म करने के प्रस्ताव को निरस्त किये जाने की मांग की। कर्मचारी नेताओं ने वर्षों से शिथिल पड़ी इंसेटिव स्कीम को रिवाइज किये जाने की भी मांग की है। साथ ही श्रमिको के लैपटॉप प्रतिपूर्ति को बहाल किये जाने और जेसीएम की बैठक शीघ्र बुलाए जाने की मांग की है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि प्रबंधन भेल के निजीकरण का सोचे भी न अन्यथा इसके परिणाम प्रबंधन को भुगतने होंगे। प्रदर्शन के दौरान इंटक हीप के महामंत्री राजबीर सिंह, एचएमएसए हीप के महामंत्री मनीष सिंह, एटक सीएफएफपी के महामंत्री सौरभ त्यागी, सीटू के अध्यक्ष विरेन्द्र नेगी, एटक हीप के महामंत्री सन्दीप चैधरी, बीएमटीयू के महामंत्री अवधेश कुमार, बीयूकेएम के अध्यक्ष रितेश सिंहल, इंटक सीएफएफपी के अध्यक्ष सुकरमपाल सिंह, एटक सीएफएफपी के अध्यक्ष आईडी पन्त, इंटक सीएफएफपी के महामंत्री केपी सिंह, एटक हीप के अध्यक्ष मनमोहन कुमार, सीटू के सुरेन्द्र कुमार, बीएमटीयू के अध्यक्ष नीशू कुमार समेत अन्य यूनियनों से मुकुल राज, रविप्रताप राय, अमृत रंजन, प्रेम चन्द सिमरा, अश्वनी चैहान, नईम खान, इमतियाज, जितेन्द्र पटेल, सुनिल कुमार, संकल्प त्यागी, अजित सिंह, दीपक कुमार, राम संजीवन, सुनिल कुमार आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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