हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज से निरंजनी अखाड़ा पहुंचकर कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने महाकुंभ मेले पर भेंटवार्ता कर चर्चा की। इस दौरान श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेला अपनी निर्धारित तिथी पर आयोजित किया जाएगा। लोगों को भ्रम की स्थिति में नहीं रहना चाहिए। कुंभ मेला भारतीय संस्कृति सनातन परंपरांओं का केंद्र बिन्दु है। भीड़ जुट सकती है। आस्थावान बिना किसी निमंत्रण के कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार आगमन करते हैं। सरकार को लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ को दृष्टिगत रखते हुए अपनी तैयारियां समय पर पूर्ण करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ का आयोजन किस स्वरूप में होगा यह अंतिम समय में फैसला लिया जाएगा। लेकिन सरकार को कंुभ मेले से जुड़े सभी कार्य समय से पूर्ण करने चाहिए। संपूर्ण कुंभ मेला क्षेत्र को प्रयागराज की तर्ज पर धार्मिक कलाकृतियों द्वारा सजाया जाना चाहिए। सभी अखाड़ों के पेशवाई मार्ग पूर्ण रूप से दुरूस्त किए जाएं। पेशवाई मार्गो का निर्माण तेजी के साथ किया जाना चाहिए। आधे अधूरे निर्माण भी पूरे किए जाएं। जिससे बाहर से आने वाले संत महापुरूषों को किसी भी प्रकार की असुविधाओं का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर भी विचार विमर्श किया। कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चाक चैबंद व्यवस्थाएं की जाएंगी। किसी भी प्रकार की चूक नहीं की जाएगी। कुंभ कार्यो को भी सरकार युद्ध स्तर से पूरा करने की भरपूर कोशिशें कर रही है। भीड़ नियंत्रण करने के लिए पुलिस प्रशासन की तैयारियां पूरी हैं। ताकि किसी भी संत महापुरूष को असुविधा का सामना ना करना पड़े। इस दौरान श्रीमहंत रामरतन गिरी, श्रीमहंत लखन गिरी, श्रीमहंत ओंकार गिरी आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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