हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने संत बाहुल्य क्षेत्र उत्तरी हरिद्वार में कुंभ विकास कार्यो को लेकर आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज से भेंटवार्ता की। भूपतवाला स्थित हरिधाम सनातन सेवा ट्रस्ट आश्रम में भेंटवार्ता के दौरान निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज भी मौजूद रहे। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि संत बाहुल्य क्षेत्र में बड़ी संख्या में संत महापुरूष निवास करते हैं। प्रशासन को उत्तरी हरिद्वार के आश्रमों, मठ, मंदिरों व घाटों के सौन्दर्यकरण के साथ सड़कों की दशा सुधारने पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने सभी श्रद्धालुओं से कोरोना को परास्त करने के लिए अपने घरों में प्रतिदिन 11 दीपक जलाने का आह्वान करते हुए कहा कि ईश्वर की कृपा से कोरोना जल्द समाप्त होगा और देश खुशहाल होगा। आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले को दृष्टिगत रखते हुए उत्तरी हरिद्वार सड़कों का निर्माण, घाटों का सौन्दर्यकरण, बिजली, पानी की व्यवस्थाएं आदि कार्य समय पर पूरे नहीं हुए तो कुंभ मेले के दौरान संतों व श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि मेला प्रशासन द्वारा संत बाहुल्य क्षेत्र उत्तरी हरिद्वार की उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण है। कुंभ मेला प्रशासन को पौराणिक मंदिरों के जीर्णोद्धार के कार्य तेजी के साथ करने चाहिए। इस अवसर पर स्वामी भास्करानंद महाराज, महंत नत्थीनंद गिरी, महंत विकास गिरी, श्रीमहंत रामरतन गिरी, महंत लखन गिरी, महंत डोगर गिरी, आचार्य मनीष जोशी, सुनील तिवारी आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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