हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से संबद्ध तीन बैरागी अखाड़ों और उनकी 18 अणियों ने कुंभ के गंगा स्नान के बहिष्कार की चेतावनी दी है। बैरागी अखाड़ा बैरागी कैंप में हुए अवैध कब्जों को हटाने और सभी बैरागी अखाड़ों को अपना भवन बनाने के लिए सरकार से लीज भूमि आवंटित करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अगर बैरागी अखाड़ा कुंभ के शाही स्नान का बहिष्कार करते हैं, तो कोई भी अखाड़ा स्नान नहीं करेगा। वहीं, बैरागी अखाड़ों के आरोप पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि सरकार को बैरागी अखाड़ों की बात सुननी चाहिए और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए हर उचित व्यवस्था बनानी चाहिए। उनका कहना है कि बैरागी अखाड़ा की यह पुरातन व्यवस्था है और वह लंबे समय पर यहीं पर स्थापित हैं। इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की जानी उचित नहीं है। साथ ही सरकार से मांग की कि वह बैरागी अखाड़ों की मांग को लेकर सर्वसम्मत रास्ता निकालें और उनकी मांग पूरी करें। उन्होंने बैरागी अखाड़ों द्वारा अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरि गिरि के खिलाफ की गई टिप्पणी को अनुचित कहा और सलाह दी कि बैरागी अखाड़ों को किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने की बजाय अपनी मांग और बात रखनी चाहिए। बैरागी कैंप में रविवार को पत्रकार वार्ता के दौरान शासन-प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध रूप से हुए निर्माणों को तो नहीं हटाया जा रहा है, लेकिन उन्हें नोटिस भेजकर परेशान किया जा रहा है। निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास महाराज ने कहा कि उन्हें बैरागी कैंप से अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया गया है, जो पूरी तरह गलत है। बैरागी संतों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने अखाड़ा परिषद पर भेदभाव के आरोप भी जड़े। निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास ने कहा कि जरूरत पड़ने पर कुंभ मेले के शाही स्नान और अखाड़ा परिषद का भी बहिष्कार किया जाएगा। उनका कहना है कि सरकार भेजे गए नोटिस का जब तक हल नहीं कर देती, तब तक सरकारी व्यवस्थाओं और सुविधाओं का भी बहिष्कार किया जाएगा। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कोर्ट के आदेश की आड़ में बैरागी अखाड़ों के परंपरागत मंदिर को तोड़ने का उपक्रम करना और रात में इसके लिए नोटिस देना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर बैरागी आंकड़े कुंभ के गंगा स्नान का बहिष्कार करते हैं, तो कोई भी अखाड़ा गंगा स्नान नहीं करेगा और बैरागी अखाड़ों के साथ इस बहिष्कार में शामिल होगा। उनका ये भी कहना है कि सरकार को इसके लिए बीच का रास्ता निकालना चाहिए था न कि जेसीबी और डंडा चलाने का नोटिस देना चाहिए था।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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