हरिद्वार। हरिधाम सनातन सेवा ट्रस्ट आश्रम में आॅनलाईन श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य म.म.स्वामी बालकानन्द गिरी महाराज, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज, म.म.स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने संयुक्त रूप से दीप प्रजवल्लित कर किया। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य म.म.स्वामी बालकानन्द गिरी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा भवसागर की वैतरणी है। जो व्यक्ति की आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार करवाकर उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। सभी मासो में सर्वोत्तम पुरूषोत्तम मास में जो व्यक्ति गंगातट पर देवभूमि के पावन प्रांगण में श्रीहरि की इस कथा का रसपान कर लेता है। उसका जीवन स्वतः ही सफल हो जाता है। उन्होंने कहा कि सभी दुखों व कष्टों को हरने वाली श्रीमद्भागवत कथा के प्रभाव तथा श्रीहरि की कृपा से पूरी दुनिया को कोरोना वायरस से मुक्ति मिले। निरंजनी अखाड़े के सचिव व मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मां गंगा की भांति बहने वाली ज्ञान की अविरल धारा है। जो व्यक्ति के मन से मृत्यु का भय मिटाकर उसके बैकुण्ठ का मार्ग प्रशस्त करती है। म.म.स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि कोरोना काल में स्वामी बालकानन्द गिरी महाराज के तत्वाधान में आयोजित आॅनलाईन श्रीमद्भागवत कथा का प्रसारण अवश्य ही देश में नई ऊर्जा का संचार करेगा। लंबे समय अंतराल से ज्ञान की भक्ति को आतुर श्रद्धालु अपने घरों में रहकर ही सनातन धर्म के ज्ञान से ओतप्रोत हो सकेंगे। मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा ने कहा कि संतों के सानिध्य में श्रीमद्भागवत जैसी कल्याणकारी कथा के श्रवण बेहद सौभाग्य से प्राप्त होता है। कथा व्यास राजेश कृष्ण वृन्दावन वाले ने कहा कि कोरोना काल में संतों के सानिध्य व कथा श्रवण के लाभ से वंचित श्रद्धालु भक्तों को आॅनलाईन कथा का रसपान करने के साथ संतों का सानिध्य भी प्राप्त होगा। कथा के यजमान मुकेश मित्तल, वासुदेव मित्तल व राजेश मित्तल ने व्यास पीठ की आरती कर संतजनों से आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा में पधारे सभी संत महापुरूषों का आचार्य मनीष जोशी ने शाॅल ओढ़ाकर व फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर श्रीमहंत सत्यानन्द गिरी, स्वामी सोनू गिरी, स्वामी नत्थीनंद गिरी, आचार्य मनीष जोशी, महेश योगी, सुनील दत्त नंदकिशोर, सुनील कुमार आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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