हरिद्वार। प्रधानमंत्री ने नमामि गंगे परियोजनाओं का उल्लेख करते हुये उन्होंने इसके लिये सभी को बधाई दी। विभिन्न नमामि गंगे परियोजनाओं-जगजीतपुर में 230 करोड़ रूपये की लागत से बना 68 एम.एल.डी. क्षमता का एस.टी.पी., 20 करोड़ रूपये की लागत से बना 27 एम.एल.डी. क्षमता का अपग्रेडेशन एस.टी.पी., सराय में 13 करोड़ रूपये की लागत से बना 18 एम.एल.डी. क्षमता का अपग्रेडेशन एस.टी.पी., चण्डीघाट में गंगा के संरक्षण एवं जैव विविधता को प्रदर्शित करता ’गंगा संग्रहालय’, 158 करोड़ रूपये की लागत से बना 26 एमएलडी क्षमता का एस.टी.पी.,लकड़घाट ऋषिकेश, 41 करोड़ रूपये की लागत से बना 7.5 एम.एल.डी. क्षमता का एस.टी.पी., चन्द्रेश्वर नगर मुनिकीरेती, 39 करोड़ रूपये की लागत से बना 5 एल.एल.डी. क्षमता का एस.टी.पी. चोरपानी मुनीकीरेती, 19 करोड़ रूपये की लागत से बने 1.01 एम.एल.डी. क्षमता के एस.टी.पी., बदी्रनाथ का वर्चुअल लोकार्पण किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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