हरिद्वार। मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने बैरागी कैंप स्थित शंकराचार्य आश्रम पहुंचकर निंरजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेश्वर स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी महाराज को आगामी कुंभ मेले का निमंत्रण पत्र भेंट किया। मुख्यमंत्री के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए आश्रम में विशेष हवन यज्ञ का आयोजन भी किया गया। हवन यज्ञ में श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व श्रीमहंत रामरतन गिरी भी सम्मिलित हुए। इस दौरान स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेला सनातन संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है। जो समाज को एकता के सूत्र में बांधता है। कुंभ मेले में संत महापुरूषों के सानिध्य में गंगा तट पर होने वाला विशाल संत समागम पूरी दुनिया को आध्यात्मिक रूप से आलोकित करता है। संत महापुरूषों के सानिध्य में अगले वर्ष हरिद्वार में होने वाला कुंभ भव्य व दिव्य रूप से संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कोरोना से संक्रमित होने के कारण पूरा संत समुदाय चिंतित है। उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए आश्रम में 11 विद्वान ब्राह्मणों के सानिध्य में विशेष यज्ञ का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि गंगा मैया की कृपा से मुख्यमंत्री शीघ्र स्वस्थ होंगे और उनके नेतृत्व में कुंभ मेला दिव्य व भव्य रूप से संपन्न होगा। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि आश्रम अखाड़ों, मठ मंदिरों के सौन्दर्यकरण कार्य किए जा रहे हैं। धर्मनगरी में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक अनुभूति का अहसास होगा। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला सनातन संस्कृति का प्रतीक है। आश्रम, अखाड़ों, मठ, मंदिरों के अलावा धर्मशाला प्रबंधकों से भी कुंभ मेले को लेकर विचार विमर्श किए जा रहे हैं। श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों व मेला प्रशासन के आपसी समन्वय से कुंभ मेला सकुशल रूप से संपन्न होगा। इस दौरान महंत संगम गिरी, दिगंबर आशुतोष पुरी, दिगंबर बलवीर पुरी आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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