हरिद्वार। उत्तराखंड ब्राहमण महासभा ने उत्तरी हरिद्वार में गंगा तट पर बैठक का आयोजन कर महामना मदन मोहन मालवीय जैसे संस्कार एवं संस्कृति के प्रेरणा स्रोतों का भावपूर्ण स्मरण कर उनके आदर्शों को जीवन मे आत्मसात करने का संकल्प लिया। बैठक में सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन से जुड़े सभी पर्वों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की रूपरेखा भी तय की गई। संस्था के अध्यक्ष पंडित पदम प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में बसंत पंचमी को समारोह पूर्वक मनाने का प्रस्ताव पारित करते हुए व्याकरणाचार्य पंडित पदम प्रसाद सुवेदी ने कहा कि ब्राह्मण आदिकाल से ही समाज का पथ प्रदर्शक रहा है और विप्र सभ्यता से ही सनातन संस्कृति का संचालन हो रहा है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को कर्तव्यबोध कराने के लिए ही मानव जीवन को 16 संस्कारों से संबद्ध किया गया है और भारत के इसी संस्कारित जीवन की पूरे विश्व में सराहना हो रही है। बैठक को अध्यक्षीय पद से संबोधित करते हुए पंडित पदम प्रकाश शर्मा ने सनातन धर्म और संस्कृति को पर्वों का गुलदस्ता बताते हुए कहा कि इसका संचालन विप्र समाज करता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने अतीत से प्रेरणा लेकर भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन करना है। जिसका शुभारंभ आगामी माह पड़ने वाले बसंत पंचमी से कर दिया जाएगा। बैठक को महंत स्वरूप बिहारी, महंत दिनेश दास शास्त्री, आचार्य हरिहरानंद तथा उज्ज्वल पंडित ने भी बैठक मे विचार रखे। इस अवसर पर प.लक्ष्मीकांत मिश्रा, नरेश मोहन शर्मा, पंडित अनिल कुमार शर्मा, अंजलि चैबे, प.पंकज शर्मा, अभिषेक भारद्वाज तथा दीपक शर्मा इत्यादि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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