हरिद्वार। वैष्णव अखाड़ों द्वारा नियुक्त किए गए स्थानीय प्रतिनिधियों का श्रवणनाथ नगर स्थित श्री नृसिंह धाम में स्वागत किया गया। स्वागत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री नृसिंह धाम पीठ के परमाध्यक्ष जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि तीनों वैष्णव अखाड़ों के स्थानीय प्रतिनिधि नियुक्त होने से अगले वर्ष होने वाले कुंभ मेले के दौरान अखाड़ों को मेला प्रशासन से समन्वय स्थापित करने में आसानी होगी। साथ ही हरिद्वार में निवास कर रहे वैष्णव संतों के सामने आने वाली समस्याओं को दूर करने में भी मदद मिलेगी। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज व बाबा हठयोगी ने कहा कि वैष्णव अखाड़ों को स्थानीय स्तर पर प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण अखाड़ों को कुंभ मेला कार्यो का लाभ नहीं मिल पा रहा था। तीनों अखाड़ों द्वारा प्रतिनिधि नियुक्त होने के बाद बैरागी कैंप में कुंभ मेला कार्यो को शुरू कराया जाएगा। जिससे कंुभ के दौरान वैष्णव अखाड़ों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। श्री पंच निर्वाणी अणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज व दिगंबर अणी अखाड़े के महंत रामकिशोर दास महाराज ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले प्रत्येक कंुभ में बैरागी कैंप में ही वैष्णव अखाड़ों की छावनियां स्थापित होती रही हैं। अगले वर्ष होने वाले कंुभ मेले में भी देश भर से वैष्णव संतों के शिविर बैरागी कैंप में ही लगाए जाएंगे। लेकिन मेला प्रशासन ने अभी तक बैरागी कैंप में कार्य शुरू नहीं कराए हैं। मेला प्रशासन को तत्काल बैरागी कैंप में कार्य शुरू कराने चाहिए। जिससे संतों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। इस अवसर पर संतों के बीच पहुंचे अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह व ललित नारायण मिश्रा का फूलमाला पहनाकर व शाॅल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। इस दौरान श्रीमहंत नारायण दास,साध्वी वैष्णवी जयश्री, साध्वी विजय लक्ष्मी, महंत गौरीशंकर दास, महंत विष्णुदास, महंत रामशरण दास, महंत रामकुमार दास शास्त्री, महंत दुर्गादास, महंत सुखदेव दास, महंत अगस्त दास, महंत शिवम दास, महंत मनीष दास आदि संत उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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