हरिद्वार। कृषि अवसंरचना निधि की जिला निगरानी समिति की बैठक जिलाधिकरी सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार मंे सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी ने उपस्थित सदस्यों को योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए अवगत कराया कि कृषि अवसंरचना निधि केन्द्र पोषित योजना है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जनपद हरिद्वार को रू0 25.00 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित है। योजना की मुख्य-मुख्य विशेषताएं बतााते हुए कहा कि योजना का उद्देश्य प्रदेश में कृषि अवसंरचना में सुधार के क्रम में प्रोत्साहन एवं वित्तीय सहायता के माध्यम से फसलोपरान्त प्रबन्धन अवसंरचना एवं सामुदायिक खेती की सम्पत्ति के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए एक मध्यम-दीर्घकालीन ऋण रिक्त सुविधा को संगठित करना है। यह योजना मूल श्रृंखला की स्थापना एवं प्रमुख्य तत्वों के आधुनिकीकरण की सुविधा प्रदान करेगी। योजना की कार्यान्वयन अवधि यह योजना वर्ष 2020-21 से 2029-30 तक परिचालन में होगी। सरकारी बजटीय सहायता के अन्तर्गत पी0एम0यू0 की प्रशासनिक लागत के साथ-साथ ब्याज छूट एवं ऋण गारंटी के लिए प्रदान की जाएगी। वित्तपोषण सुविधा के तहत 2 करोड़ रूपए की सीमा तक सभी ऋण 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज छूट पर होगी। यह छूट अधिकतम 7 वर्षों की अवधि के लिए होगा। 2 करोड़ रूपए से ज्यादा ऋण के मामले में तब ब्याज छूट 2 करोड़ रूपए तक सीमित होगी। कुल वित्तपोषण सुविधा से निजी उद्यमियों के लिए निधिकरण की सीमा एवं प्रतिशत राष्ट्रीय निगरानी समिति द्वारा निर्धारित की जा सकती है। 2 करोड़ रूपए तक के ऋण के लिए सूक्ष्य एवं लघु उद्यम योजना हेतु ऋण गारंटी निधि संस्था (सीजीटीएमएसई) के तहत इस वित्तपोषण सुविधा से पात्र उधारकर्ताओं के लिए ऋण गारंटी डीएसीएंडएफडब्ल्यू के संवर्धन योजना एफपीओ के तहत सृजित सुविधा से प्राप्त की जा सकती है। डीएसीएंडएफडब्ल्यू के तहत किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति योजना को केन्द्रीय स्तर तथा राज्य स्तर पर पीएम-किसान की राज्य पी0एम0यू0 को पी0एम0यू0 सहायता प्रदान करेगी। जिलाधिकारी ने बैठक में निर्देश दिये कि योजना का प्रचार-प्रसार सही से किया जाए, जिससे भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों संस्थाओं को मिल सकें। इसके लिए पी0एम0किसान सम्मान निधी योजना एवं सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए बल्क मैसेज तैयार कर प्रेषित किये गये। योजना की मुख्य-मुख्य विशेषताओं को फलैक्सी बैनर में तैयार कर प्रत्येक विकासखण्ड में प्रदर्शित किया जाए, जिससे योजना की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पंहुच सकें। जिला विकास अधिकारी, नाबार्ड द्वारा प्रस्तुत योजनाओं के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि सक्षम तकनीकी विभाग से डी0पी0आर0 तैयार कराई जाए। अगली बैठक में डी0पी0आर0 सहित योजनाएं स्वीकृति हेतु प्रस्तुत की जाएं। बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी वीके यादव, परियोजना निदेशक आर0सी0 तिवारी, मुख्य उद्यान अधिकारी नरेन्द्र यादव,महाप्रबंधक सी0के0 कमल सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment