हरिद्वार। पूर्व विधायक व वरिष्ठ कांग्रेस नेता अम्बरीष कुमार ने पर्वतीय जिलों में प्राधिकरण समाप्त किए जाने के सरकार के निर्णय को मैदान विरोधी करार दिया है। प्रैस को जारी बयान में अम्बरीष कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि पर्वतीय जिलों में प्राधिकरण समाप्त किए जाएंगे। सरकार का यह निर्णय भेदभाव पूर्ण और मैदान विरोधी है। पूरा प्रदेश एक है और उत्तराखंड इसका नाम है, तो फिर यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है। गैर पर्वतीय जिलों में प्राधिकरणों का दायरा शहरों से बढ़ाकर गांव तक कर दिया गया है। इस प्रकार भ्रष्टाचार का फैलाव गांव तक हो गया है। हरिद्वार विकास प्राधिकरण की स्थापना को लगभग 34 वर्ष हो गए हैं और नियोजित विकास के नाम पर अनियोजित और अनियंत्रित विकास हो रहा है। स्वीकृत आवासीय कॉलोनी या कॉम्प्लेक्स मुट्ठी भर है और प्राधिकरण की मिलीभगत से अनाधिकृत कॉलोनी व्यापारिक प्रतिष्ठानों की बाढ़ आ रही है। महायोजना के नाम पर मात्र खानापूर्ति हो रही है। प्राधिकरणो के कानून और नियमों के चलते मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के लोग परेशान हैं। इस परेशानी का लाभ प्राधिकरण के लोग उठा रहे हैं। लूट का यह साधन स्थानीय स्तर पर राजनैतिक भागेदारी न होने के कारण स्वेच्छाचारी हो गया है। प्राधिकरण के लोग नियमों को तोड़ मरोड़ कर अपने हित में भ्रष्टाचार के लिए प्रयोग कर रहे हैं। हरिद्वार के एक तरफ गंगा बहती है। दूसरी तरफ शिवालिक पर्वत है। ऐसे में प्राधिकरण के नियमों का पालन संभव नहीं और इसका लाभ प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी उठाते हैं। कांग्रेस जल्द ही प्राधिकरण समाप्त कर स्थानीय निकाय को मानचित्र स्वीकृति करने तथा कुंभ आयोजनों से जुड़े मामलों को लेकर सत्याग्रह आंदोलन करेगी। यदि सुनवाई नहीं हुई तो जिला स्तर पर आंदोलन चलाया जाएगा। सरकार अविलंब प्राधिकरण समाप्त कर जनता को राहत प्रदान करे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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