हरिद्वार। देश की प्रख्यात समाजसेवी धार्मिक संस्था प्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट ने आज मेला प्रशासन द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रकल्प पी.पी.एम अस्पताल हेतु आवंटित भूमि का पूजन किया। भूमि पूजन में कुम्भ मेला अधिकारी दीपक रावत,मेला आई.जी.संजय गुज्याल सहित मेला प्रशासन के अनेक अधिकारी,राजनीतिज्ञ एवं समाजसेवी उपस्थित थे। भूमि पूजन के उपरांत स्वामी प्रखर जी महाराज ने मेलाधिकारी एवं मेला आईजी को पी.पी.एम अस्पताल का का फूल प्रूफ प्लान बताते हुए मेले में श्रद्वालुओं को दी जाने वाली निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि संस्था विगत चालीस वर्षो से विभिन्न महाकुम्भ मेलो में इसी प्रकार निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा देती चली आ रही है। उन्होने बताया महाकुम्भ 2010 में पी.पी.एम अस्पताल ने दो लाख से अधिक अस्वस्थ श्रद्वालुओं को निःशुल्क चिकित्सा प्रदान की थी। मेलाधिकारी दीपक रावत एवं मेला आई संजय गुज्याल ने अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों और उच्च कोटि के चिकित्सकों से लैस पी.पी.एम अस्पताल द्वारा मेले में दी जाने वाली सेवाओं से सम्बन्धित योजनाओं की सराहना की। अधिकारी द्वय ने कहा कि कुम्भ मेलो में प्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट की सेवाओं की जानकारी के मददे्नजर ही इस कुम्भ मेले में इस संस्था को सर्वप्रथम भूमि आवंटित की गयी है। उन्हे उम्मीद है कि संस्था अपने इस अस्थाई अस्पताल के माध्यम से मेले में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अत्यंत उपयोगी साबित होगी। कुम्भ मेले में स्थापित होने जा रहे पी.पी.एम.अस्पताल की संयोजिका साध्वी माॅ चिदानन्दमयी ने बताया कि यह अस्पताल 20मार्च तक अपना स्वरूप ले लेगा। इसी दौरान उकसा उद्घाटन होगा। 01मार्च 2021 से अस्पताल इन्डोर सेवाएं प्रदान करना प्रारम्भ कर देगा। भूमि पूजन के साथ ही अस्पताल का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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