हरिद्वार। सन्यासी अखाड़ो में कुम्भ मेले की शुरूआत हो चुकी है। रविवार को कनखल स्थित महानिर्वाणी अखाडे में धर्म ध्वजा स्थापित की गयी। धर्म ध्वजा स्थापित होने के मौके पर पूजन में मेलाधिकारी दीपक रावत सपत्नीक शामिल हुये। इस मौके पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा है कि कुंभ मेला भारतीय संस्कृति का शिखर पर्व है। जो पूरे विश्व में सनातन धर्म की पताका को फहराता है। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की छावनी में अखाड़े के धर्म ध्वजा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि विश्व धरोहर कुंभ मेला पूरी दुनिया को धर्म का एक सकारात्मक संदेश प्रदान करता है। जिस से प्रभावित होकर अनेकों देशों के लोग भारतीय सभ्यता को अपना रहे हैं। हमें भी अपनी संस्कृति एवं धर्म के प्रचार प्रसार हेतु धर्म के ज्ञान की आवश्यकता है और भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि धर्म ध्वजा के साथ ही अखाड़े के कुंभ मेले का प्रारंभ हो गया है। धर्म ध्वजा के सानिध्य में भारतीय संस्कृति की रक्षा हेतु महामंडलेश्वर एवं नागा संन्यासियों को दीक्षा प्रदान कर राष्ट्र कल्याण के लिए समर्पित किया जाएगा। आवाहन अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्य गिरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म पूरे विश्व में सबसे प्राचीन है। संत महापुरुषों और मेला प्रशासन के समन्वय से कुंभ मेला ऐतिहासिक रूप से संपन्न होगा, ऐसी संत समाज आशा करता है। इस अवसर पर महंत हनुमान बाबा, महंत निर्मलदास, स्वामी शरदपुरी, महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री, श्रीमहंत साधनानंद, मुखिया महंत भगतराम, महंत जगतार मुनि, महंत दामोदर दास, महंत जसविन्दर सिंह, श्रीमहंत गिरजानंद सरस्वती, महंत शंकरानंद आदि सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष व जिला अधिकारी सी.रविशंकर,मेला अधिकारी दीपक रावत, अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह, मेला आईजी संजय गुंज्याल, कुंभ मेला एसएसपी जनमेजय खण्डूरी, जनपद के एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सीओ सिटी अभय प्रताप मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment