हरिद्वार। अखिल भारतीय कश्यप समाज आश्रम समिति की बैठक हाईवे स्थित कश्यप धर्मशाला में आयोजित की गयी। बैठक में नेपाल कश्यप को राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह सरकार का आभार व्यक्त किया गया। बैठक में कश्यप समाज की 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग भी की गयी। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष बुद्ध सिंह कश्यप व संचालन देवराज कश्यप ने किया। बैठक को संबोधित करते हुए बुद्ध सिंह कश्यप ने कहा कि नेपाल कश्यप को राज्य मंत्री का दर्जा देकर सरकार ने पूरे कश्यप समाज का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि कश्यप समाज हमेशा ही भाजपा का समर्थन करता रहा है। पार्टी को संगठन में भी समाज को पर्याप्त भागीदारी देनी चाहिए। साथ ही अगले विधानसभा सत्र में कश्यप समाज की 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने के लिए विधेयक लाया जाए। देवराज कश्यप ने कहा कि सरकार व पार्टी को समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए कैबिनेट व विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर अनुसूचित जाति का दर्जा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने सम्मान की लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए समाज को एकजुट होना होगा। कश्यप निषाद सगठन के प्रदेश अध्यक्ष ऋषिपाल कश्यप व राष्ट्रीय महासचिव राजीव सिंह कश्यप ने कहा कि कश्यप समाज को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए संगठित रहना होगा। उन्होंने नेपाल सिंह कश्यप को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने पर सरकार का आभार व्यक्त किया। संस्थापक कुशेंद्र कश्यप व शिवकुमार कश्यप ने कहा कि कश्यप समाज के हितों को ध्यान में रखकर कार्य करें। समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक करें। कुरीतियों को दूर करने में सभी को अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। सरकार को जल्द से जल्द समाज की जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देना चाहिए। बैठक में भाजपा लकसर मण्डल अध्यक्ष बिशनपाल कश्यप व चरण सिंह कश्यप ने भी सरकार का आभार जताया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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