हरिद्वार। डीआईजी मुख्तार मोहसिन ने गुरुवार शाम को मायापुर फायर स्टेशन का निरीक्षण कर कुंभ को लेकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने हरिद्वार के होटल और धर्मशाला समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की। कुंभ क्षेत्र को में अग्निशमन व्यवस्था के दृष्टिकोण पूरे क्षेत्र को दो जोन बनाये गए हैं। पहला जोन हरिद्वार और दूसरा जोन ऋषिकेश को बनाया गया है। डीआईजी मुख्तार मोहसिन ने बताया कि मेले के लिए 14 फायर स्टेशन, 11 पंप यूनिट और 8 वॉच टॉवर स्थापित किये जाएंगे। जबकि 14 अग्निशमन अधिकारी, लीडिंग फायरमैन 50 और फायर सर्विस चालक 66 और फायरमैन 290 तैनात किये जाएंगे। अधिकांश स्टॉफ को कुंभ में अटैच किया गया है। स्टॉफ के संबंध में शीघ्र ही अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के 24 पदों पर फायरमैन के 425 पदों की भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजा रहा है। 6.71 करेाड़ रुपये अभी तक फायर सर्विस के लिए मिल चुके है। डीआईजी ने होटल और धर्मशाला के पदाधिकारियों के साथ की गई। कहा कि पुराने धर्मशाला के भवनों में फायर एनओसी के संबंध में चर्चा की गई। इस मौके पर राष्ट्रीय धर्मशाला सुरक्षा समिति के अध्यक्ष महेश गौड़ ने कहा कि फायर पुलिस द्वारा जो दिशा निर्देश होटल और धर्मशाला प्रबंधकों को दिए जा रहे हैं उसका सभी धर्मशाला प्रबंधक शत-प्रतिशत अनुपालन करेंगे लेकिन अग्निशमन विभाग द्वारा भी भवनों की व्यवहारिक स्थिति को देखकर निर्णय लेना चाहिए। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि जिन होटलों के पास सराय एक्ट का प्रमाण पत्र है उनको फायर पुलिस द्वारा अनापत्ति प्रमाण दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर धर्मशाला समिति के महामंत्री विकास तिवारी, शिवकुमार शर्मा, अवधेश कुमार, अशोक कुमार, अवधेश चैहान, मनीष शर्मा आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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