हरिद्वार। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के संतों ने सर्वसम्मति से रविदास समाज से जुड़े भाजपा विधायक सुरेश राठौर को महामंडलेश्वर बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। वही पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में बैठक करके इस संबंध में प्रस्ताव को पारित किया गया कि रविदासाचार्य सुरेश राठौर को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी का महामण्डलेश्वर बनाया जाएगा। 12 अप्रैल के स्नान से पूर्व म.म.बनाने की प्रक्रिया पूर्ण कर दी जाएगी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने बताया कि 12 अप्रैल के शाही स्नान से पूर्व सुरेश राठौर का पट्टाभिषेक कर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी का महामंडलेश्वर बना दिया जाएगा। महामण्डलेश्वर बनने के बाद सुरेश राठौर 12 अप्रैल को होने वाले शाही स्नान में अखाड़े के साथ स्नान करेंगे। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सुरेश राठौर ने रविदास समाज को आगे बढ़ाने के लिए बहुत कार्य किया है। रविदासाचार्य सुरेश राठौर एक विद्वान व्यक्ति हैं। संत रविदास की कथा कर वह लोगों को धर्म के प्रति जागरूक करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। परिवार से संबंध रखने वाले व गृहस्थ संतों को बाहर किए जाने के अखाड़े के निर्णय के बाद एक गृहस्थ व्यक्ति को महामण्डलेश्वर बनाए जाने पर उठे सवालों पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि महामण्डलेश्वर पद एक उपाधि मात्र है। अखाड़ा विद्वान व्यक्ति को सम्मान स्वरूप महामण्डलेश्वर पद प्रदान करता है ताकि व्यक्ति धर्म के प्रचार व उत्थान में योगदान कर सके। परिवार से संबंध रखने वाले केवल उन्हीं संतों को अखाड़े से बाहर करने का निर्णय लिया गया है जो पदाधिकारी है और जिनके नाम पर अखाड़े की संपत्ति है। यह निर्णय अखाड़े से दीक्षा लेने वाले संतों पर ही लागू होगा। इस अवसर पर निरंजनी अखाड़ के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी, श्रीमहंत दिनेश गिरी, श्रीमहंत ओमकार गिरी, श्रीमहंत राधे गिरी, श्रीमहंत नरेश गिरी, श्रीमहंत मनीष भारती, श्रीमहंत शिव वन, श्रीमहंत केशव पुरी, दिगंबर सुखदेव गिरी, दिगंबर बलवीर पुरी, दिगंबर राजगिरी, दिगंबर राधे श्याम पुरी, दिगंबर राकेश गिरी आदि संत मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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