हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा है कि भारत को आजाद हुए लगभग 74 वर्ष हो चुके हैं। लेकिन अंग्रेजों एवं मुगलों द्वारा शुरू की गई परंपराओं का अभी तक हम दंश झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन्होंने भारत पर आक्रमण कर वर्षों तक भारत पर शासन किया। भारत के टुकड़े करने की कोशिश की। उन्हीं के नाम पर सड़क मार्गों का नाम भारत में लिखा जाता है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में अकबर, हुमायूं, बाबर आदि नाम के मार्गों का बोर्ड लिख दिया जाता है, जोकि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि देश की संप्रभुता को छिन्न करने वाले अंग्रेजों एवं मुगल शासकों के नाम से लगाए गए बोर्ड को सड़कों से हटाया जाए और उनकी जगह देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, वीर अब्दुल हमीद, अटल बिहारी वाजपेयी आदि के नाम से मार्गो का नाम रखा जाए। उन्होंने कहा कि मुगल शासकों ने एवं अंग्रेजों ने गद्दारी कर भारत के लोगों पर अत्याचार कर वर्षों तक राज किया और देश को बांटने का काम किया। अब भारत देश पूर्ण रुप से स्वतंत्र है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद केंद्र सरकार एवं भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मांग करती है कि देश के वीर सपूतों जिन्होंने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। उनके नाम से सड़क मार्गों को जाना जाए और अंग्रेजों एवं मुगल शासकों के नाम के बोर्ड भारत के सभी मार्गो से हटाए जाएं। उन्होंने कहा कि देश के युवा भी इस बात से काफी नाराज हैं। लेकिन खुलकर कर कोई बात अपनी नहीं रख पा रहा है, यह अलग बात है। इसलिए अखाड़ा परिषद मांग करती है कि चंद्रशेखर आजाद, गुलजारी लाल नंदा जैसे बलिदानी महापुरुषों के नाम पर भारत में सड़कों का नाम रखा जाए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment