हरिद्वार। जाट महासभा पंचपुरी के कार्यकर्ताओं ने शहीदी दिवस पर भगत सिंह चैक पर शहीदे आजम भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर वीर शहीदों को नमन किया। इस अवसर पर जाट महासभा के अध्यक्ष चैधरी देवपाल सिंह राठी ने कहा कि आजादी के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले भगत सिंह प्रत्येक हिन्दुस्तानी के दिल में बसते हैं। भगत सिंह करतार सिंह सराभा और लाला लाजपत राय से अत्यधिक प्रभावित थे। जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह के बाल मन पर बड़ा गहरा प्रभाव डाला। लाहौर के नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर भगत सिंह ने 1920 में भगत सिंह महात्मा गांधी द्वारा चलाए जा रहे अहिंसा आंदोलन में भाग लेने लगे। 14 वर्ष की आयु में ही भगत सिंह ने सरकारी स्कूलों की पुस्तकें और कपड़े जला दिए। इसके बाद इनके पोस्टर गांवों में छपने लगे। उन्होंने चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया। 9 अगस्त, 1925 को शाहजहांपुर से लखनऊ के लिए चली 8 नंबर डाउन पैसेंजर से काकोरी नामक छोटे से स्टेशन पर सरकारी खजाने को लूट लिया गया। यह घटना काकोरी कांड नाम से इतिहास में प्रसिद्ध है। इस घटना को भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद और प्रमुख क्रांतिकारियों ने साथ मिलकर अंजाम दिया था। अनिल भास्कर ने कहा कि भगत सिंह क्रांतिकारी देशभक्त ही नहीं बल्कि एक अध्ययनशीरल विचारक, कलम के धनी, दार्शनिक, चिंतक, लेखक, पत्रकार और महान मनुष्य थे। जेल में भगत सिंह ने करीब दो साल रहे। इस दौरान वे लेख लिखकर अपने क्रांतिकारी विचार व्यक्त करते रहे। इस दौरान जाट महासभा ने प्रशासन से मांग की कि चैक पर अविलम्ब शहीद भगतसिंह की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया जाए। इस अवसर पर चै.देवेंद्र कुंडू, राजवीर पँवार, डीएस मान, राजेन्द्र तोमर, राजकरन, बदन सिंह, बसन्त पुनिया, अनिल कुमार, महिपाल सिंह, अनिल राणा, राजकुमार राणा, हरपाल सिंह, मनवीर सिंह, बीरपाल, नरपाल, राजवीर मलिक, नरेंद्र सिंह, सुग्रीव सिंह, अजय राठी, कुशलवीर, संदीप चैधरी, रविन्दर कुमार, रजत, अनुज, सतीश मलिक, राजेश बलियान, प्रभुराम खेरवा, नरेश बलियान, राजीव, रणवीर, यशपाल मलिक, रकम सिंह, राजेन्द्र सिंह, रणजीत राणा, सिकन्दर, निरंकार राठी, सोहनवीर राठी, राजन, संजय तालियान, अशोक हुड्डा, विवेक, कपिल बलियान, विपिन मलिक, योगेन्द्र पुनिया, ओमवीर राठी, सुदेश चैधरी, रविकांत मलिक, अजय कुमार, नरेंद्र कुमार, राहुल चैधरी, संदीप कुमार व विकास कुमार शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment