हरिद्वार। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज ने कहा कि कुंभ मेला 2021 पर करोना का साया है। ऐसे में कुंभ का आयोजन भी खतरे में दिखाई दे रहा है। कुंभ मेला को निर्विघ्न सम्पन्न कराने के लिए उन्होंने हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी मंसा देवी, चंडी देवी, भैरवनाथ एवं शीतला माता के दर्शन कर आशीर्वाद मांगा है। बताते चले कि कुंभ मेला में शंकराचार्य शिविर का शुभारम्भ हो गया है। जिसमें सोमवार से गंगा आरती के साथ विध्वित पूजा अर्चना भी शुरू की गई है। आगामी 2 अप्रैल को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द हरिद्वार पधार रहे है। 8 अप्रैल को भव्य पेशवाई का भी आयोजन किया जायेगा। इस कड़ी में मंगलवार को कुंभ की सपफलता व करोना महामारी के नाश की प्रार्थना की कामना को लेकर ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारका-शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती महाराज के प्रतिनध् िस्वामी अविमुक्तेंश्वरानन्द महाराज ने हरिद्वार के शक्तिपीठों के दर्शन किए। देव दर्शन के दौरान कुंभ मेला करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है लेकिन कोरोना महामारी के चलते मेले के आयोजन को लेकर संशय बना हुआ है। ऐसे में उन्होंने हरिद्वार की अध्ष्ठिात्री देवी मां भगवती मनसा देवी, चंडी देवी एवं शीतला माता के दर्शन कर कुंभ की सपफलता के लिए मां भगवती से प्रार्थना की। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में बने शंकराचार्य शिविर में विध्वित मां गंगा की पूजा अर्चना के साथ गंगा आरती का शुभारंभ हो गया है। आगामी 8 अप्रैल को अनंत विभूषित ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। 2 अप्रैल को हरिद्वार पहुंच जाएंगे। उनके आगमन सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मंदिर पहुंचने पर संतों व पुजारी ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द का स्वागत किया। इस दौरान ब्रह्मचारी मुकुंदानंद, श्रवणानंद सहित अन्य मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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