हरिद्वार। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान-मजदूर मोर्चा द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में बहुजन क्रांति मोर्चा एवं बामसेफ के कार्यकर्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित किया। इस दौरान बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रदेश संयोजक भंवर सिंह ने कहा कि कृषि प्रधान देश में भारत का किसान- मजदूर लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डरो पर लगातार शहादत दे रहा है। परंतु किसान- मजदूरों के द्वारा चुनी हुई सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। जिसकी बहुजन क्रांति मोर्चा एवं बामसेफ घोर निंदा करते है। उन्होंने कहा कि देश के मतदाताओं के साथ झूठ बोलकर बनी सरकार के नुमाइंदे कह रहे हैं कि काूनन किसानों के हित में है। जबकि स्थिति इसके बिल्कुल उलट है। पंूजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए कृषि कानूनों के चलते किसान अपने ही खेत में मजदूर बन कर रह जाएगा। भण्डारण की सीमा समाप्त होने की वजह से पूंजीपति अपनी मर्जी के दामों पर खाद्यान्न बेचेंगे। जिससे गरीब मजदूर वर्ग के लिए भोजन तक जुटाना मुश्किल हो जाएगा। भंवर सिंह ने मांग करते हुए कहा कि तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लिया जाए। बीएमपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय मूलनिवासी एवं चमार वाल्मीकि महासंघ के जिलाध्यक्ष भानपाल सिंह रवि, कार्यवाहक अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि देश के युवाओं को प्रत्येक वर्ष 2 करोड रोजगार देने का झांसा देने वाली सरकार देश के सार्वजनिक संस्थानों को बेच रही है। जिसे देश का मूलनिवासी बहुजन समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। भंते विजय घोष, पास्टर दुलारे, नसीर अहमद एवं नरेश प्रधान ने कहा कि देश में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही दलितों, किसान, मजदूरों पर अत्याचार बढ़े हैं। सभी को एकजुट होकर इसका विरोध करना होगा। इस दौरान जग रोशन देवी, अजय कुमार, आशीष राजौर, पुष्पेंद्र कुमार, संजीव बाबा, बीआर बौद्ध, पंकज कुमार, अंकित कुमार, रवि कुमार, प्रेमनाथ, अंकुर कुमार, अतुल कुमार, धर्मेंद्र पास्टर, एडवोकेट रूपचंद, श्यामसुंदर आदित्य, संजीव ओसवाल बौद्ध, महिपाल, जाबिर अली, सुरेंद्र पास्टर, जगपाल मूलनिवासी आदि शामिल रहे।
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