हरिद्वार। देशभर में आध्यात्मिक चेतना, वैदिक संस्कृति के संवर्धन और पीड़ित मानवता की सेवा में संलग्न स्वामी श्री प्रखर जी महाराज द्वारा संस्थापित श्री प्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट की ओर से वैश्विक महामारी कोरोना से समस्त मानवता की रक्षा के लिए नौ दिवसीय कोरोना नाशक चण्डी महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। हरिद्वार के भूपतवाला स्थित श्री विश्वनाथ धाम में 18 से 26 मार्च तक चलने वाले इस अभिनव महायज्ञ का आयोजन ट्रस्ट के संस्थापक स्वामी श्री प्रखर जी महाराज के सानिध्य में किया जा रहा है। ट्रस्ट की संयुक्त सचिव माँ चिदानंदमयी ने बताया कि इस कोरोना नाशक चण्डी महायज्ञ में काशी वैदिक के आचार्यत्व में 70 दीक्षित वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा सस्वर वैदिक मंत्रों से आहूति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि देश भर से लोग इस आयोजन से जुड़ रहे हैं क्योंकि कोराना की दुबारा दस्तक ने समाज जीवन में फिर से बेचैनी पैदा की है। गौरतलब है कि लॉकडाउन से दुनिया के हर वर्ग ने भारी मुसीबत का सामना किया था। इससे पहले श्री विश्वनाथ धाम आश्रम से हर की पैड़ी तक श्री धर्म संघ संस्कृत महाविद्यालय, रायसिंह नगर राजस्थान के आचार्य डॉ. सज्जन प्रसाद तिवारी की अगुवाई में कलश यात्रा निकाली गई और काशी के विद्वान आचार्य सुनील दीक्षित के निर्देशन में मा गंगा और गंगाजल से भरे कलशों का विधिवत पूजन किया गया। इस अवसर पर श्री प्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट के स्वामी पूज्य श्री प्रखर जी महाराज की गरिमामय उपस्थिति रही। श्री प्रखर जी ने हर की पैड़ी ब्रम्ह कुंड पर उपस्थित श्रद्धालुओं को इस महायज्ञ के महत्व की जानकारी देते हुए बताया कि इस अनुष्ठान में दुर्गा शप्तशती के महामारी नाशक मंत्र के 14 लाख जप, दुर्गा शप्तशती के एक हजार पाठ और भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए समस्त दोषों के निवारण के लिए विशेष वेद मंत्र के भी सवा लाख जप होगें। साथ ही इस का दशांश हवन, तर्पण, मार्जन और ब्राह्मण भोजन के रूप में निरंतर कार्यक्रम चलता रहेगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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