हरिद्वार। कोविड की पाबंदियों के बीच रंगो का त्यौहार होली को लेकर आमजनों में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है। खासकर बच्चों और महिलाओं में रंगों व उमंगों का होली को लेकर विशेष उत्साह दिखाई दिया। रविवार को महिलाओं ने बच्चों समेत होलिका का पूजन किया और परिवार के लिए मंगल कामना की। पंचपुरी में सवेरे से ही होली का उल्लास छाया रहा। महिलाएं होली पर आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए गुझिया व दूसरे पकवान बनाने में व्यस्त रही तो बच्चों ने धुलेण्डी से एक दिन पूर्व ही रंगों से खूब धमाल मचाया। पंचपुरी में ज्वालापुर, कनखल, भेल, हरिद्वार, भीमगोड़ा, खड़खड़ी, भूपतवाला सहित कई प्रमुख स्थानों पर होलिका दहन किया गया। होलिका दहन से पूर्व महिलाओं ने नारियल, हल्दी, अक्षत, चावल, पकवान आदि से होलिका का पूजन कर परिवारों के लिए मंगल कामना की। कई स्थानों पर होलिका को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाया गया और डीजे की धुन पर युवाओं ने जमकर डांस किया। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि हर त्यौहार का अपना एक रंग होता है, जिसे आनंद या उल्लास कहते हैं। होली को रंगों के त्यौहार के रूप में मनाते हैं। प्रेम, भाईचारे व एकता के प्रतीक होली के पर्व को परंपरागत रूप से मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि होली रंगों का त्यौहार है। होली पर खूब जमकर रंग खेलें लेकिन अपनी परंपरांओं और संस्कृति का भी ध्यान रखें। होली भारतीय त्यौहार है। इस पर पाश्चात्य संस्कृति का रंग कतई ना चढ़नें दें। प्रेम व सौहार्द के साथ होली मनाकर आपसी भाईचारे को मजबूत करने में सहयोग करें। होली मनाते समय प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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