हरिद्वार। आगामी 13 अप्रैल को हर की पैड़ी पर सिक्ख समुदाय के कूच का ऐलान मेला आईजी संजय गुज्याल की पहल पर टल गया है। बताते चले कि हरकीपौड़ी पर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी की मांग को लेकर काफी लंबे समय से सिक्ख फेडरेशन प्रयासरत है। इस क्रम में हर साल वैशाखी के मौके पर बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु हर की पौड़ी की ओर कूच करते हैे। हलाॅकि प्रशासनिक और पुलिस की सख्ती के चलते जगह-जगह उत्तराखंड की सीमाओं पर उन्हें रोक दिया जाता है। इस बार हरिद्वार में महाकुंभ के चलते 12 अप्रैल को बड़ा शाही स्नान है। ऐसे में सिक्ख श्रद्धालुओं का हरकीपौडी पर कूच करने के एलान ने पुलिस की नींद उड़ा रखी थी। कुम्भ मेला पुलिस की पहल के बाद सिख फेडरेशन के अध्यक्ष गुरुचरण सिंह बब्बर ने यह कार्यक्रम रद्द करने का फैसला लिया है। सिक्ख फेडरेशन के अनुसार ऐन कुम्भ के समय इस कार्यक्रम में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती थी लिहाजा हरकीपैडी पर बाद में सिख श्रद्धालु पहुँच कर निशान साहब की स्थापना करेंगे। हरिद्वार के मेला नियंत्रण कक्ष में सिक्ख फेडरेशन के प्रमुख पदाधिकारियों और आईजी मेला संजय गुज्याल के नेतृत्व में हुई बैठक में यह समझौता हुआ। वार्ता के दौरान पुलिस महानिरीक्षक द्वारा कुम्भ मेला के दौरान आगामी 13 अप्रैल 21 को प्रस्तावित कार्यक्रम को महाकुंभ की महत्ता और बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत स्थगित किए जाने का आग्रह किया गया, जिस पर गुरुचरण सिंह बब्बर उपरोक्त द्वारा आगामी 13 अप्रैल 21 का कार्यक्रम स्थगित किए जाने का आश्वासन दिया। वार्ता के दौरान स्वामी शिवानंद जी महाराज निरंजनी अखाड़ा, अवतार सिंह, दिलबाग सिंह, निशान सिंह, नरेश मल्होत्रा, जसवंत सिंह, सत्येंद्र सिंह आदि मौजूद रहें। सिख फेडरेशन के अनुसार कुम्भ मेला के प्रमुख स्नान के समय इस कार्यक्रम में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती थी लिहाजा हरकीपैडी पर बाद में सिक्ख श्रद्धालु पहुँच कर निशान साहब की स्थापना करेंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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