हरिद्वार। नगर कोतवाली क्षेत्रान्गर्त पंतद्वीप क्षेत्र में दिन दहाड़े 100 को लेकर 3 फक्कड़ साधु द्वारा एक फक्कड़ साधु की चिमटे खोपकर हत्या कर दी है। मृतक साधु की पहचान प्रकाश, उम्र 60 साल, हरियाणा निवासी के रूप में हुई है। शहर कोतवाली क्षेत्र के पंतद्वीप में 100 रुपये को लेकर हुए विवाद में तीन साधुओं ने मिलकर एक साधु की हत्या कर दी। मामले में पुलिस ने तीनों साधुओं को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों ने साधु के पेट पर चिमटे से वार किया था। जिस कारण फक्कड़ साधु की मौत हुई है। पुलिस के मुताबिक घटना मंगलवार दोपहर की है, जब पंतद्वीप में चार फक्कड़ साधु प्रकाश 60 पुत्र चनाराम निवासी एकता नगर फतेहाबाद हरियाणा, देवेंद्र सिंह पुत्र सोरन सिंह निवासी कुंवारी पट्टी टिहरी, मनजीत पुत्र गुरुदयाल निवासी नहटौर बिजनौर और शंकर गिरी शिष्य कर्म गिरी निवासी ठोकर 3 भूपतवाला एक साथ बैठे थे। आरोप है कि फक्कड़ मनजीत ने प्रकाश से 100 रुपये मांगे। साधु प्रकाश के मना करने पर दोनों के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि मनजीत के पक्ष में देवेंद्र और शंकर गिरी भी आ गए। तीनों ने मिलकर फक्कड़ प्रकाश के साथ मारपीट शुरू कर दी है। फक्कड़ साधुओं के डंडे और चिमटे से प्रकाश को पीटना शुरू कर दिया। इस बीच साधु के पेट में कई बार चिमटों से वार किया गया। तीनों ने फक्कड़ के पेट में चिमटा घुसा दिया। घायल अवस्था में फक्कड़ को छोड़कर तीनों फरार हो गए। आसपास के एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी। कोतवाल अमरजीत सिंह, रोडीबेल वाला चैकी प्रभारी पवन डिमरी मौके पर पहुंचे। फक्कड़ को जिला अस्पताल ले जाया गया। लेकिन तब तक साधु प्रकाश की मौत हो चुकी थी। पंतद्वीप पार्किंग से बाहर भागने की कोशिश कर रहे तीनों फक्कड़ों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के पास चिमटा समेत अन्य सामान बरामद कर लिया है। इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने बताया कि बुधवार को आरोपियों को जेल भेजा जाएगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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