हरिद्वार। कोरोना काल में सीमित किये गये कुम्भ मेला 2021 की शुरूआत कल गुरूवार से शुरू हो जायेगी। इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए नियमों में बदलाव लागू हो जायेगा। एक से 30अप्रैल तक कुम्भ मेला अवधि सम्बन्धी अधिसूचना पहले ही राज्य सरकार की ओर से जारी की जा चुकी है। गुरूवार से कुम्भ मेला क्षेत्र में आने वाले 12राज्यो के श्रद्वालुओं को 72घण्टे पूर्व की कोरोना की नेगेटिव रिर्पोट साथ में लाना अनिवार्य हो जायेगा। इसके साथ ही गुरू वार से कुम्भ मेला क्षेत्र में मेला प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो जायेगा। इसके साथ ही कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी कुम्भ मेला पुलिस के अधीन हो जायेगी। इस बार कोरोना महामारी के कारण कुम्भ मेला की अवधि चार महीने से घटाकर एक महीने कर दी गयी है। राज्य सरकार की ओर से पहले ही आने वाले श्रद्वालुओं के लिए एसओपी जारी कर पालन को अनिवार्य किया जा चुका है। हरिद्वार में कुम्भ मेला क्षेत्र 650हैक्टयर क्षेत्र में फेला हुआ है। जहां पर श्रद्वालुओं के लिए 107 गंगा घाट तैयार किये गये है। दस हजार से अधिक सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है,जिनमें केन्द्रीय अद्र्वसैनिक बल भी शामिल है। मेला पुलिस महानिरीक्षक संजय गुज्याल के अनुसार एक अप्रैल से दूसरे राज्यों से शहर में आने वाले श्रद्वालुओं के लिए एसओपी का पालन अनिवार्य होगा। खासकर 12राज्यों से आने वाले श्रद्वालुओं के लिए 72घण्टे पूर्व की कोरोना जाॅच नेगेटिव रिर्पोट लाना एवं कुम्भ पोर्टल पर पंजीकरण पूरी तरह से लागू किया जायेगा। हालंकि स्थानीय लोगों को इस मामले में राहत मिलेगी। कुम्भ मेला क्षेत्र में कोविड गाइड लाइन का पालन सुनिश्चित कराना मेला पुलिस की प्राथमिकता होगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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