हरिद्वार। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बीएचईएल हरिद्वार में एक समारोह का आयोजन किया गया। वूमेन इन पब्लिक सेक्टकर (विप्स) के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम का विषय था ‘‘महिला नेतृत्वः कोविड-19 विश्व् में समान भविष्य की ओर अग्रसर‘‘। समारोह का शुभारम्भ बीएचईएल के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी तथा भेल लेडीज क्लब की संरक्षिका श्रीमती रश्मि गुलाटी ने दीप प्रज्वलन द्वारा किया । कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संजय गुलाटी ने कहा कि बीएचईएल हमेशा से ही कार्य स्थल और सामाजिक जीवन दोनों में ही महिलाओं के योगदान का सम्मान करता रहा है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं और अपनी योग्यता को सिद्ध कर रही हैं। श्रीमती रश्मि गुलाटी ने कहा कि नारी सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को अपने अधिकारोंको पहचानना चाहिए। इससे पहले विप्स की समन्वयक एवं उप महाप्रबंधक श्रीमती अंजली मित्तल ने सभी महिलाकर्मियों को शपथ दिलायी तथा संस्था द्वारा आयोजित गतिविधियों की जानकारी दी। कार्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाकर्मियों को समारोह में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रस्तुत कार्यक्रम “नृत्य् में योग’’ ने दर्शकों का मन मोह लिया। पं० भीमसेन जोशी द्वारा रचितगीत ‘‘मिले सुर मेरा तुम्हारा‘‘को भी एक नए रूप में दर्शाया गया। साथ ही कोविड-19 पर आयोजित वाद-विवाद की वीडियो क्लिूप भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम में आयोजित व्याख्यान में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. शारदा स्वरूप ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए टीकाकरण की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर महाप्रबन्धक (मानव संसाधन) आर. आर. शर्मा सहित अनेक महाप्रबंधकगण,बीएचईएल की महिलाकर्मी, लेडीज क्लिब की सदस्यााएं तथा अन्यी अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री आयुषी त्रिपाठी तथा सुश्री मनीशा द्वारा किया गया ।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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