हरिद्वार। जनपद में कोरोना संक्रमण का बेकाबू होकर लगातार जारी है। गुरूवार को जनपद में 1099 नये कोरोना संक्रमितों की पहचान की गयी। कोविड मरीजों के होम आइसोलेशन की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे केसों से जनपदवासियों को भय सताने लगा है। गुरूवार को शहर से सटे शिवालिकनगर में 132मरीजों की पहचान की गयी है। राज्य के साथ साथ जनपद हरिद्वार में नये कोरोना संक्रमण की रफ्रतार का तेजी से बढ़ना लगातार जारी है। राज्य के साथ साथ जनपद में संक्रमण बेकाबू होने लगा है। गुरूवार को जनपद में 1099 नये कोरोना पाॅजिटिव की पहचान की गयी। गुरूवार को बहादराबाद क्षेत्र में सबसे अधिक 132 पाॅजिटिव पाये गये है। जनपद में एक्टिव केस 37 सौ से अधिक हो गये है। जबकि 34 हजार से अधिक सैपल की रिर्पोट का इंतजार है। गुरूवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार जनपद में कोरोना संक्रमण की रफ्रतार थमने का नाम नही ले रहा है। जनपद में गुरूवार को 1099 नये कोरोना मरीजों की पहचान हुई है,इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 30893 हो गयी है,हलांकि एक्टिव केस 3776 है। 3110 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। 291 मरीजों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया। गुरूवार को 20786 लोगों के सैम्पल कोविड जांच के लिए भेजे गये है। फिलहाल अब तक 34203 व्यक्तियों के सैपल का परिणाम आने बाकी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.एस.क.ेझा के अनुसार जनपद में कटेंनेमेंट जोन बढ़कर 13 हो गई है। गुरूवार को हरिद्वार अर्बन में 286,बहादराबाद में 419,रूड़की क्षेत्र में 285, भगवानपुर क्षेत्र में 52 के अलावा अन्य राज्यों के 36 पाॅजिटिव केस शामिल है। बुधवार को शिवालिकनगर में 132,बीएचईएल में 68 के अलावा सिडकुल के तीन कम्पनियों में 37कोरोना पाॅजिटिव पाये गये है। जनपद में अब तक 45 साल से उपर के 180918 व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा चुका है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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