हरिद्वार। जनपद में कोरोना संक्रमण बेकाबू होकर तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को जनपद में 1253 नये कोरोना संक्रमितों की पहचान की गयी। अलग अलग अस्पतालों में 11कोरोना मरीजों की मौत भी हो गई। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे केसों से जनपदवासियों को भय सताने लगा है। बुधवार को संक्रमितों में 11फं्रटलाईन वर्कर भी शामिल है। जनपद हरिद्वार में नये कोरोना संक्रमण की रफ्रतार का तेजी से बढ़ना लगातार जारी है। राज्य के साथ साथ जनपद में संक्रमण बेकाबू होने लगा है। बुधवार को जनपद में 1253 नये कोरोना पाॅजिटिव की पहचान की गयी। बुधवार को हरिद्वार अर्बन में सबसे ज्यादा 505 से अधिक पाॅजिटिव पाये गये है। जनपद में एक्टिव केस 35 सौ से अधिक हो गये है। जबकि 32 हजार से अधिक सैपल की रिर्पोट का इंतजार है। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार जनपद में कोरोना संक्रमण की रफ्रतार थमने का नाम नही ले रहा है। जनपद में बुधवार को 1253 नये कोरोना मरीजों की पहचान हुई है,इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 29794 हो गयी है,हलांकि एक्टिव केस 3518 है। 2802 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। 213 मरीजों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया। बुधवार को 16753 लोगों के सैम्पल कोविड जांच के लिए भेजे गये है। फिलहाल अब तक 32933 व्यक्तियों के सैपल का परिणाम आने बाकी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.एस.क.ेझा के अनुसार जनपद में कटेंनेमेंट जोन बढ़कर 13 हो गई है। बुधवार को हरिद्वार अर्बन में 505,बहादराबाद में 309,रूड़की क्षेत्र में 295, भगवानपुर क्षेत्र में 59 के अलावा अन्य राज्यों के 63 पाॅजिटिव केस शामिल है। बुधवार को हरिद्वार शहर के ज्वालापुर में 74,कनखल में 21,शिवालिकनगर में 158,बीएचईएल में 19,मायापुर में 58 तथा भीमगोड़ा में 51 पाॅजिटिव शामिल है। इसकेे अलावा कोतवाली भगवानपुर तहसील के पांच कर्मचारी,बिजली विभाग के 4 के अलावा दो अन्य कर्मचारी पाॅजिटिव पाये गये है। जनपद में अब तक 45 साल से उपर के 175105 व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा चुका है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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