हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण की धर्म ध्वजा कनखल स्थित कुंभ छावनी में वैदिक विधि-विधान के साथ स्थापित की गई। अखाड़ा के संतो ने गणेश जी का आव्हान किया और पंचदेव, कलश पूजन किया गया। इसके बाद वैदिक विधि विधान के साथ अखाड़े केसरी महंतों और रमता पंचों ने विभिन्न अखाड़ों के साधु संतों की उपस्थिति में धर्म ध्वजा को फहराया गया। धर्म ध्वजा में एक ओर पंजाब तथा एक ओर हनुमान जी स्थापित होते हैं और सबसे ऊपर मोरों का पंख लगा रहता है जिसे मोरपंखी कहते हैं। पंजे का मतलब होता है पंच परमेश्वर अखाड़ा के श्री महंत महेश्वर दास जी महाराज, श्री महन्त रघु मुनि, श्रीमहन्त दुर्गा दास जी तथा श्री महंत अद्वैतआनंद जी महाराज के पावन प्रस्तुति में धर्म ध्वजा का पूजन संपन्न और धर्म ध्वजा स्थापित की गई। इस मौके पर कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी सी रविशंकर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अबू देई कृष्णराज एस, कुंभ मेला एसएसपी जन्मेजय खंडूरी,एसपी कुंभ सुरजीत पवार के अलावा एसपीसिटी कमलेश उपाध्याय समेत कई आला अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महामंडलेश्वर कपिल मुनि, महामंडलेश्वर भगवत स्वरूप, महामंडलेश्वर संतोषानंद, महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश, महन्त दिग्यांवर महाराज महामंडलेश्वर हंसराम महाराज महामंडलेश्वर विवेकानंद महाराज, महन्त कमल दास, कोठारी महन्त दामोदर दास, महंत दर्शन दास, महन्त निरंजन दास महंत प्रेमदास, महेंद्र जयेंद्र मुनि कारोबारी महन्त निर्मल दास ब्रह्म मुनि महन्त दुर्वेश दास महन्त बलराम दास महन्त केबिल आनंद महन्त मुरली दास, महन्त दुर्गादास, महन्त बाबा हठयोगी समेत कई संत महंत मौजूद थे। धर्म ध्वजा स्थापित होने पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। संगत को संबोधित करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के श्री महन्त महेश्वर दास महाराज ने कहा कि धर्म ध्वजा की स्थापना के साथ अखाड़े में विधि विधान के साथ कुंभ की शुरुआत हो गई है और आज अखाड़े में अन्नक्षेत्र शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मोरपंखी शुभ मानी जाती है इसलिए 71 फुट लंबी धर्म ध्वजा के ऊपर मोरपंखी लगाई गई है जिससे कुंभ मेले में कोई अनिष्ट ना हो। उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल को भूपतवाला से अखाड़े की पेशवाई निकलेगी जो कनखल में दक्षेश्वर महादेव मंदिर के निकट अखाड़े की छावनी में समाप्त होगी इस पेशवाई में भारत की विभिन्न राज्यों की संस्कृति के दर्शन होंगे जो भारत की एकता और अखंडता की प्रतीक होगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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