हरिद्वार। संयुक्त आयुक्त राज्य कर विभाग हरिद्वार द्वारा अवगत कराया गया है कि उत्तराखण्ड राज्य में जी0एस0टी0 लागू होने के पश्चात् करापवंचक तत्वों द्वारा कर चोरी की नई-नई कार्यप्रणालियां अपनायी जा रही हैं, जिनमें बिल तथा ई-वेबिल के बिना माल का परिवहन करना, एक ही बिल तथा एक ही ई-वेबिल पर एक से अधिक बार माल का परिवहन करना, फर्जी प्रपत्रों का प्रयोग कर जी0एस0टी0 का पंजीयन लेकर कर चोरी करना, बिना वास्तविक व्यापार किये मात्र इनवाॅइज जारी आई0टी0सी0 का लाभ लेना आदि। राज्य कर विभाग द्वारा इन सभी कर विरोधी कार्यप्रणालियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, और इनमें लिप्त करापवंचकों की गतिविधियों पर गोपनीय रूप से सूचना एकत्र करते हुए कर चोरी के इन तरीकों पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है। हरिद्वार संभाग की प्रवर्तन इकाईयों (विशेष अनुसन्धान शाखा तथा सचलदल इकाई) द्वारा संयुक्त आयुक्त महोदया के निर्देशन में निरन्तर कार्यवाही करते हुए विशेष कर पिछले कुछ दिनों में उक्त करापवंचन के नये तरीकों के सम्बन्ध में अभियान चलाया जा रहा है। जिससे करापवंचकों के बीच भय व्याप्त हो गया है। हरिद्वार संभाग की प्रवर्तन इकाईयों (विशेष अनुसन्धान शाखा तथा सचलदल इकाई) द्वारा लगातार ऐसी फर्मों की पहचान कर उनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जा रही है, जो फर्जी प्रपत्रों के आधार पर जी0एस0टी0 में पंजीयन लेकर बिना वास्तविक व्यापार किये केवल बिल जारी कर फर्जी आई0टी0सी0 का लाभ लेने में संलिप्त हैं। वर्ष 2020-21 में ऐसे 19 मामलों में 202.03 करोड़ मूल्य के माल पर रू0-36.42 करोड़ रू0 जमा किये जाने की कार्यवाही की जा चुकी है। ऐसी फर्मों से सम्बद्ध हरिद्वार तथा कोटद्वार में कुछ बड़ी आयरन स्टील की फैक्ट्रियों पर भी विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है। व्यापारियों द्वारा करापवंचन के उद्देश्य से ई-वेबिल की बाध्यता से छूट लेने हेतु रू0-50000.00 से कम मूल्य के बिल जारी किये जाते हैं। इस प्रवृति को रोकने हेतु ऐसे सभी बिलों का सत्यापन किया जा रहा है जिनमें के्रता अथवा विक्रेता उत्तराखण्ड राज्य का है तथा यह बिल किसी फर्म के नाम के न होकर किसी व्यक्ति के नाम पर बनाए गए हैं। विशेष अनुसन्धान शाखा, हरिद्वार द्वारा महाकुम्भ के दौरान राज्य सरकार द्वारा विभिन्न कार्यों हेतु दी गई संविदाओं तथा संविदाकारों पर विशेष जांच की जा रही है, जिसमें ऐसे संविदाकार जिन्होंने सरकार से भुगतान प्राप्त कर उसपर कर जमा नहीं किया है, पर भी कार्यवाही की जा रही है। पान मसाला, गुटखा का परिवहन करने वाले वाहनों के सम्बन्ध में कार्यवाही करते हुए दो वाहन अभिगृहीत किये गये हैं, जिन पर अर्थदण्ड की कार्यवाही की जा रही है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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