हरिद्वार। कमल मिश्र-भारत की संस्था‘‘ पुलिस की आवाज ‘‘जो पुलिस, डाक्टर और पत्रकार का सम्मान निस्वार्थ, निडर और निष्पक्ष भारत के हर राज्य में सम्मान कर रही है। पुलिस की आवाज एक सोच थी अकेले निकले फिर धीरे धीरे भारत के हर कोने में आज इनके कार्यकता एकदम दिल से कार्य कर रहे है। संस्था के संस्थापक पाल पंधारी ने बताया कि हमारी संस्था द्वारा भारत के प्रत्येक राज्यज में पुलिस का सम्मान कर रही है। इसी क्रम में पुलिस की आवाज टीम ने उत्तराखंड पौड़ी गढ़वाल के सज्जन और महान एडिशनल सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस अनूप कला सर से मुलाकात की और उनको पुलिस की आवाज ओर से सम्मानित किया। और वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश बिजनोर के जमीनी स्तर मिलन सार हसमुख कोमल दिल सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस डॉ प्रवीण रंजन सिंह से मुलाकात कर सम्मानित किया गया। सम्मान करने वालों में राष्ट्रीय अध्यक्ष गगन सिंह,सचिव महेंद्र चैधरी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक झा प्रदेश मीडिया प्रभारी कमल कुमार अग्रवाल, सनी सिंह नीलम मनोज कुमार, गजेन्द्र, अरुण धर्मेंद्र व टीम के अन्य सदस्य शामिल थे। सभी पदाधिकारियों की मेहनत से आज पुलिस की आवाज, भारत के सभी पोलिस का मनोबल करोना योध्दा प्रमाण पत्र देकर बढ़ा रहा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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