हरिद्वार। मेलाधिकारी दीपक रावत शनिवार को दूधाधारी चैक पर चल रहे श्रीराम चरित मानस कथा कार्यक्रम में पहुंचकर सुंदरकांड पाठ में शामिल हुए। वहां पर उन्होंने काष्णी जी महाराज, गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, स्वामी ऋषिस्वरानंद आदि संतों से मुलाकात कर आशीर्वाद प्राप्त किया।ं महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि महाकुंभ पर्व में इस समय कोविड की तमाम बंदिशें भी प्रशासन की विवशता बन रहीं हैं। बावजूद इसके कुंभ का आयोजन बहुत अच्छे से चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस पंडाल में रविवार से श्रीमद्भागवत कथा का प्रवचन भी शुरू होगा। पूज्य काष्णी जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि महापुरूषों के बचन कान के रास्ते से हृदय में समाहित होते हैं, जो अन्तःकरण को बदल देते हैं। आप अपने अन्तःकरण में सुधार लाइये। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में निर्धारित मर्यादा के अनुसार हमें आचरण करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वर्षों से चली आ रही परम्पराओं-गुरूओं का सम्मान, अपने से बड़ों का सम्मान आदि का पालन होना चाहिय ।इस पुनीत अवसर पर स्वामी गुरू शरणानन्द जी महाराज, महंत स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह सहित बड़ी संख्या में साधु-सन्त मौजूद थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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