हरिद्वार। चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने में केंद्र व राज्य सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। बीते पिछले कुछ महीनों में कोरोना का प्रभाव कम हो गया था। जिसके चलते सरकार को भविष्य में संक्रमण का फैलाव ना हो। इसकी रूपरेखा तैयार करनी चाहिए थी और कोरोना के संक्रमण से मानव जाति का नुकसान ना हो। इसके लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विशेष तौर पर इंतजाम करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पूरा विश्व कोरोना महामारी से त्रस्त है। ऐसे में राज्य और केंद्र सरकार को लोगों की जान का ख्याल रखते हुए बड़े तौर पर चिकित्सा के इंतजाम करने चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की है कि हरिद्वार शहर में एक बड़ा हॉस्पिटल बनाया जाए। जिससे लोगों को इलाज के लिए दर-दर भटकना ना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना किसी योजना के लॉकडाउन लगा दिया है। जिससे व्यापारी, ट्रैवल व्यवसायी, आश्रम, अखाड़े सभी परेशान हैं। हरिद्वार का प्रत्येक वर्ग पर्यटन पर आधारित है। ऐसे में यदि श्रद्धालु यात्री हरिद्वार नहीं आएंगे तो लोगों के सामने रोटी के लाले पड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि आश्रम अखाड़े श्रद्धालुओं द्वारा मिलने वाले दान पुण्य पर ही निर्भर रहते हैं। ऐसे में यदि पूरी तरह लोगों की आवाजाही पर रोक रहेगी तो आश्रम अखाड़ों का संचालन करना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन की अवधि में बिजली पानी के बिल माफ किए जाएं। जिससे लोगों को कुछ राहत मिल सके। महंत ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा है कि कोरोना काल की इस संकट की घड़ी में लोग अपने परिवार का साथ ना छोड़ंे। कोरोना के मरीज के साथ संवेदना दिखाते हुए उनका अंतिम संस्कार विधि विधान के साथ परिवार के लोगों को करना चाहिए। पीपीई किट पहनकर और कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मृतकों का विधान पूर्वक अंतिम संस्कार होना चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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