हरिद्वार। सन्यासी अखाड़ो में सबसे प्राचीन श्री पंचदशनाम जूना आनंद भैरव अखाड़ा में शुक्रवार को चार नये महामण्डलेश्वरो का पटट्ाभिषेक किया गया। अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने इन सभी के नामो का पुकार करते हुए इनका पटट्ाभिषेक किया। शुक्रवार को जूना अखाड़ा परिसर स्थित मायादेवी मन्दिर के अन्दर में अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय सरंक्षक व अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज एवं जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय सभापित श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज की देखरेख में जूना अखाड़े के 04 नये महामंडलेश्वरो को उपाधि प्रदान की गयी। श्रीदत्तात्रेय चरण पादुका पर आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने क्रमशः महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी महाराज राष्ट्रीय अध्यक्ष हिन्दू रक्षा सेना हाल बाला जी धाम श्यामपुर कांगडी हरिद्वार, महामंडलेश्वर अनिरुद्ध वन गिरी महाराज भूमेश्वर धाम जिला ग्वालियर मध्यप्रदेश, महामंडलेश्वर संजय गिरी महाराज थाने मुम्बई महाराष्ट्र एवं महामंडलेश्वर रवि शंकर गिरी महाराज बाबा सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर मठ पूर्वी चंपारण बिहार नये महामण्डलेश्वर बनाये गये है। इन सभी चारों महामण्डलेश्वरों का विधि-विधान से पूजा अर्चना करते जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद नन्द गिरी महाराज द्वारा श्री दत्तात्रेय चरण पादुका पर पुकार करते हुए माल्यार्पण कर विधिवत पूजन कर पट्टाभिषेक करते हुए चारो महंतो को जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गई। इस मौके पर श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने सभी नवदीक्षित महामण्डलेश्वरों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके द्वारा अखाड़ा के हितों एवं सनातन धर्म के लिए और अधिक कार्य किया जायेगा। उन्होने सभी से कोरोना जैसी विश्वव्यपी महामारी के लिए केाविड गाइड लाइन का पालन करने का आहवान करते हुए कहा कि गाडड लाइन का पालन ही इस महामारी से बचाव है। सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि ने नये बने महामण्डलेश्वरों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इनके द्वारा अखाडे की गरिमा का पालन करते हुए सनातन धर्म के लिए अपने अपने क्षेत्र में कार्य किया जायेगा। इस मौके पर अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि इनके द्वारा भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के लिए और अधिक कार्य किया जायेगा। इस दौरान मौजूद अन्र्तराष्ट्रीय सचिव मोहन भारती,अन्र्तराष्टीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती,सभापति श्रीमहंत उमाशंकर भारती, श्रीमंहंत केदारपुरी,श्रीमहंत शिवानंद सरस्वती,निर्माण मंत्री श्रीमहंत शैलजा गिरि के साथ साथ रमता पंच के श्रीमहंत आनन्द गिरि,श्रीमहंत भल्ले गिरि,श्रीमहंत सुरेशानंद सरस्वती,श्रीमहंत रमन गिरि,कुंभ मेला प्रभारी,,थानापित नीलकंठ गिरि कारोबारी, लाल भारती कोठारी आदि मौजूद थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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