हरिद्वार। एन0डी0एम0ए0 के वरिष्ठ सलाहकार, मेजर जनरल वीके दत्ता ने मंगलवार को मेला नियंत्रण भवन में बैठक कर माॅकड्रिल के सम्बंध में अधिकारियों से फीडबैक लिया। इस मौके पर मेजर जनरल वीके दत्ता ने कहा कि यदि कहीं घटना होती है तो सबसे पहले सेक्टर मजिस्ट्रेट या अन्य व्यक्ति कंट्रोल रूम 1902 पर सूचना देंगे। कंट्रोल रूम से सूचना प्रेषित होते ही सभी टीमें अलर्ट हो जाएंगी। घटना स्थल पर जिस टीम की जरूरत है, वही टीम सबसे पहले पहुंचेगी। इसके साथ ही घटना में घायल हुए लोगों को सीधे एंबुलेंस से अस्पताल नही भेजें, बल्कि पास ही स्थित मेडिकल यूनिट पर उपचार दें। यदि यहां कोई गंभीर घायल है तो उसे ही रेफर किया जाए।वरिष्ठ सलाहाकार मेजर जनरल ने कहा कि सभी टीमों का समन्वय सबसे बड़ी बात है। यदि समन्वय होगा तो हर स्थिति से आसानी से निपट सकेंगे। इसके साथ ही घटना के सम्बंध में मीडिया को जानकारी देने के लिए भी सम्बंधित की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। ताकि मीडिया को हर जानकारी स्पष्ट मिल सके। मेजर जनरल ने बताया कि महाकुम्भ मेला महत्वपूर्ण है। भीड़ को नियंत्रित करना, यात्रियों को सही दिशा-निर्देश देना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन एक टीम वर्क है, जितनी भी एजेंसियां हैं, वह सभी हमारी टीम के सदस्य हैं।बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि हर साइट पर मीडिया नहीं होगी, ऐसे में मीडिया को हर जानकारी सही दी जाए। उन्होंने हाल ही में बैरागी कैंप में हुए अग्निकांड का जिक्र करते हुए कहा कि निकट भविष्य में गर्मी बढ़ने से इस तरह की घटनाओं में बढोतरी हो सकती है, ऐसे में आग से बचाव के बेहतर उपाय किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में सांप काटने की घटनाएं भी सामने आई हैं। इसलिए सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट ध्यान दें कि शौचायल आदि के पास अंधेरा न हो। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुम्भ मेला जन्मेजय खण्डूरी, अपर मेला अधिकारी डाॅ0 ललित नारायण मिश्र, रामजी शरण शर्मा व एटीएस, एनएसजी, एसडीआरएफ, एसएसबी, एयरफोर्स सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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