हरिद्वार। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा की निर्माण व्यवस्था महामंत्री सहयोगिनी शैलजा देवी जो कि देश-विदेश में योग,ध्यान तथा सनातन धर्म के प्रचार में अनवरत मशगूल रहती है,को प्रसिद्व शैक्षणिक विकास एवं संशोधन केन्द्र सीईजीआर की ओर से श्रेष्ठअध्यात्मिक गुरू अर्वाड से नवाजा गया है। पूज्य सहज योगिनी शैजला देवी को यह गौरवशाली पुरूस्कार उनके शैक्षणिक और मानवीय विकास तथा संशोधन के क्षेत्र में किये गये अद्वितीय कार्यो के लिए प्रदान किया गया है। यह पुरूस्कार बेवीनाॅर के जरिये प्रदान किया गया। पुरूस्कार देने वाली प्रसिद्व संस्था सीईजीआर नेशनल काउसिल है जिनमें भारती के सैकड़ो शिक्षणशास्त्री,उद्योगगृह,50चांसलर व उपचांसलर शामिल है। सहज योगिनी शैलजा देवी सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के अलावा देश विदेश में योग,ध्यान कराती है,उनकी यह शिविर काफी प्रसिद्व है। उनके द्वारा लगातार धर्म के सथ साथ सामाजिक कार्यो में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती रही है। हरिद्वार में जारी कुम्भ मेला 2021 में भी उन्होने कई सामाजिक दायित्वों के तहत कार्यो को पूर्ण कराया। विश्वव्यापी महामारी के इस दौर में भी उन्होने लगातार जरूरतमंदो को यथासंभव सहयोग कर रही है। उनके अनेक सेवा कार्यो में जूना गढ़ गुजरात में मुफ्रत तबीजी इलाज और औषध तथा आठ वाटर कूलर के साथ साथ भोजन की व्यवस्था भी शामिल है। उनके ऋषिकेश स्थित आश्रम में हर महीने जरूरतमंदो को राशनकिट दी जाती है। कुम्भ मेले में उन्होने साधु-संतो के लिए साउथ ईन्डीवन,पंजाबी,चाईनीज भोजन टेबल कुर्सी पर देने की सेवा भी बड़े पैमाने पर करके विक्रम निर्माण किया है। बताते चले कि सहजयोगिनी मौता शैलजा देवी गिरनार साधना आश्रम जूना गढ़ की महामंत्री भी है। सहजयोगिनी शैलजा देवी को 2021 का श्रेष्ठ आध्यात्मिक गुरू अर्वाड देने पर जूना अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि,सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज के साथ साथ कई श्रीमहंतो ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हे शुभकामनाएं दी है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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