हरिद्वार। श्रवण कुमार झा- कोरोना संक्रमण के साए मे कुंभ मेला 2021 का अंतिम शाही स्नान संक्षिप्त तौर सम्पन्न हुआ। अन्तिम शाही स्नान के मौके पर विभिन्न अखाड़ों के गिनती के संतों ने हरकी पैड़ी स्थित ब्रहमकुण्ड में गंगा स्नान कर मां गंगा से देश दुनिया से कोरोना महामारी समाप्त करने की प्रार्थना की। अखाड़ो के स्नान का क्रम पूर्व की तरह ही रहा। इस दौरान सुरक्षा के खास इंताजामात रहे। संतो के स्नान के दौरान आम श्रद्वालुओं के लिए हर की पैड़ी गंगा स्नान वर्जित रहा। मंगलवार को चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर कुंभ मेले का अंतिम शाही प्रतीकात्मक स्नान करने के लिए सबसे पहले निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज के नेतृत्व में निरंजनी व आनन्द अखाड़े के संत हरकी पैड़ी पहुंचे। इसके बाद श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के श्रीमहंत व अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरी महाराज के नेतृत्व में जूना, अग्नि व आह्वान अखाड़े के संत स्नान के लिए पहुचे। जूना व उसके सहयोगी अखाड़ों के साथ किन्नर अखाड़े के संतों ने भी आचार्य महामण्डलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में शाही स्नान किया। इसके उपरांत महानिर्वाणी अखाड़े के संत स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे। स्नान के लिए पहुंचे सभी संतों को मेला अधिकारी दीपक रावत, कुंभ मेला पुलिस के आईजी संजय गुंज्याल, एसएसपी जनमेजय खण्डूरी, अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह आदि के नेतृत्व में मेला प्रशासन की और से पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। संतों ने कोविड नियमों मास्क लगाकर व शारीरिक दूरी का पालन करते हुए गंगा स्नान किया। कोरोना के खतरे को देखते हुए भव्य शाही जुलूस के बजाए सौ व पचास की टोली में वाहन में सवार होकर संत शाही स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे। चैत्र पूर्णिमा को होने वाला कुंभ मेले का अंतिम शाही स्नान वैष्णव वैष्णव अखाड़ो का प्रमुख स्नान पर्व होता है। लेकिन कोरोना के साए के बीच संपन्न हुए अंतिम शाही स्नान पर तीनों बैरागी अनी अखाड़ों के श्रीमहंतों के नेतृत्व में लाव लश्कर व भव्य शाही जुलूस के बजाए वैष्णव संत भी वाहनों में सवार होकर गंगा स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे। स्नान के लिए पहुंचे वैष्णव संतों का मेला प्रशासन की और से भव्य स्वागत किया गया। श्रीमहंत राजेंद्र दास, श्रीमहंत धर्मदास दास व श्रीमहंत रामकृष्ण दास के नेतृत्व में हरकी पैड़ी पहुंचे वैष्णव संतों ने सबसे पहले अपने ईष्टदेव को गंगा स्नान कराया। इसके बाद स्वयं स्नान कर देश दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की।वैष्णव अखाड़ों के बाद श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन व श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के संतों ने हरकी पैड़ी पर शाही स्नान किया। सबसे अंत में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों ने शाही स्नान किया। संन्यासी अखाड़ों ने शाही स्नान के लिए अधिकतम 100 संत महात्माओं के ही जाने की घोषणा की पहले ही की थी। कोविड संक्रमण के चलते संन्यासी अखाड़ों ने अंतिम शाही स्नान पूर्णिमा को सीमित संख्या में स्नान करने की घोषणा की थी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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