हरिद्वार। खोजी द्वाराचार्य पीठ के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी रामरिक्ष पाल देवाचार्य महाराज ने कहा है कि मानव मात्र के कल्याण के लिए प्रभु श्रीराम ने अवतार लेकर अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना की थी और एक आदर्श और कल्याणकारी समाज का उदय हुआ। बैरागी कैंप स्थित त्रिवेणी धाम में आयोजित रामनवमी के छठ उत्सव कार्यक्रम में संत समागम को संबोधित करते हुए स्वामी रामरिक्ष पाल देवाचार्य महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जन-जन के आराध्य है और प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में विराजमान हैं। सभी को उनके आदर्शो को अपनाकर सत्य के मार्ग पर चलते हुए समाज कल्याण के लिए सहयोग करना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी बजरंग देवाचार्य महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन के चरित्र के माध्यम से समाज में उच्च आदर्शों को स्थापित किया। जो आज भी सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए वनवास को पूरा कर समाज में फैली हुई बुराइयों का समापन किया। उनके जीवन आदर्शों से प्रत्येक व्यक्ति को सीख लेकर सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहना चाहिए। सत्य का मार्ग ही अंत में व्यक्ति को विजय बनाता है। महामंडलेश्वर सांवरिया बाबा एवं महामंडलेश्वर ईश्वरदास महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम अविनाशी परमात्मा हैं जो सब के सृजनहार व पालनहार हैं। जिनकी स्तुति में 33 करोड़ देवी देवता नतमस्तक रहते हैं। जो पूर्ण मोक्ष दायक एवं स्वयंभू हैं। ऐसे प्रभु श्रीराम की आराधना मात्र से ही व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। महंत मनीष दास महाराज ने कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का फूल माला पहनाकर स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया और कहा कि कुंभ मेले के दौरान उत्तराखंड की पावन भूमि पर जहां भी संत समागम का आयोजन हो जाता है। वह सदैव के लिए पूजनीय हो जाता है। जन जन के सहयोग से ही राष्ट्र उन्नति की ओर अग्रसर होगा। इस दौरान चर्तु संप्रदाय के श्रीमहंत दिनेश दास, श्रीमहंत रासबिहारी दास, श्रीमहंत फूलडोल दास, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत बलराम दास, महंत बलदेव दास, महंत रामचरण दास, महंत बालयोगी दास, महंत सियाराम दास, महंत राजू दास, महंत प्रेमदास, महंत विष्णु दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत रघुवीर दास, ब्रम्हांड गुरू अनंत महाप्रभु, महंत रामदास, महंत रामजी दास आदि सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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