हरिद्वार। मेलाधिकारी दीपक रावत, पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ संजय गुंज्याल ने मेला अधिष्ठान के अधिकारियों संग हरकी पैड़ी पर मां गंगा व अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर चैत्र पूर्णिमा शाही स्नान तथा कुम्भ मेला सकुशल सम्पन्न होने की प्रार्थना की। कुंभ मेला 2021 के अंतिम शाही स्नान को संपन्न कराने के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे मेलाधिकारी दीपक रावत अधिकारियों से व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में जानकारी ली तथा दिशा-निर्देश दिये। मेला प्रशासन की और से हरकी पैड़ी ब्रहमकुण्ड पर शाही स्नान के लिये पहुंचे निरंजनी अखाड़े के सचिव और मनसादेवी ट्रस्ट के सचिव श्रीमहंन्त रवीन्द्र पुरी महाराज सहित अन्य सन्तों पर पुष्प वर्षा कर किया गया। शाही स्नान के दौरान कोविड नियमों सामाजिक दूरी, मास्क लगाना आदि का पालन भी मेला प्रशासन व पुलिस की और से कराया गया। किया जा रहा था। अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह एवं रामजीशरण शर्मा के नेतृत्व में मेला प्रशासन की ओर से हरकीपैड़ी पर स्नान के लिए पहुंचे साधु-महात्माओं को मास्क का वितरण भी किया गया। इसके बाद श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के श्रीमहन्त हरिगिरि महाराज सहित जूना अखाड़ा, श्रीपंच अग्नि और आह्वान आखाड़ा के सन्त-महात्मा शाही स्नान के लिये पहुंचे। सभी संतों का मेला प्रशासान की और से भव्य स्वागत किया गया। पत्रकारों से बात करते हुए मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि महाकुम्भ की व्यवस्थाओं की तैयारियों के समय उन्हें कई तरह के अनुभव हुये। समय पर महाकुम्भ के कार्य सम्पन्न कराना बेहद चुनौतीपूर्ण था। सभी से तालमेल रखते हुये सभी कार्य सकुशल सम्पन्न हुये, जिससे वे सन्तुष्ट हैं। इस अवसर पर श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, पुलिस महानिरीक्षक संजय गुज्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ जन्मेजय खण्डेरी, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह, रामजी शरण शर्मा, उप मेलाधिकारी दयानन्द सरस्वती, सेक्टर मजिस्ट्रेट योगेश सिंह मेहरा सहित अन्य अधिकारी व पदाधिकारीगण मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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