हरिद्वार। कुंभ मेले के अंतिम शाही स्नान पर धर्म नगरी के गंगा घाट सूने रहे। स्थानीय लोगों ने भी गंगा घाटों पर जाने से परहेज किया। जिसके चलते गंगा घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा। पिछले स्नानों पर गुलजार रहे घाट इस बार वीरान दिखाई दिए। मंगलवार को हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर अखाड़ों के संतों ने प्रतीकात्मक रूप से शाही स्नान किया। जबकि मायापुर में डामकोठी के समीप, ओमपुल घाट, अमरापुरा घाट, ऋषिकुल स्थित कश्यप घाट के साथ ही बराबर में अन्य, गोविंदपुरी घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट, सिंहद्वार के आसपास और जटवाड़ा पुल स्थित आदि घाटों पर बाहर से आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं थी। सुबह 11 बजे मायापुर शंकराचार्य चैक के बीच बने अमरापुरा व अन्य घाट सुनसान नजर आए। जबकि पिछले शाही स्नान पर गंगा घाटों पर भारी भीड़ थी। लेकिन कोरोना के भय के चलते इस बार स्थानीय घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा।
अन्तिम शाही स्नान पर खाली रही बसें, टेªने
हरिद्वार। कुंभ मेले के अंतिम चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान पर बस और ट्रेनें खाली रहीं। जहां रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं बस अड्डा भी सुनसान नजर आया। बस और ट्रेन से जाने वाले यात्री पर्याप्त संख्या में नहीं मिल पाए। इस वजह से ट्रेनें और बसें कुछ ही यात्रियों को लेकर रवाना हुईं। कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालुओं ने हरिद्वार आने से परहेज किया। इसकी बानगी ट्रेन और बसों में देखने को मिली। 11 मार्च के महाशिवरात्रि के शाही स्नान और 12 अप्रैल के शाही स्नान पर जिस तरह से तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ने से बस और ट्रेनें पैक थीं, वह चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान पर खाली नजर आईं।
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