हरिद्वार। विपरीत परिस्थितियों में भी कार्यकर्ताओं को संगठन बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। जिसमें अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड इकाई नए वकीलों को विधि के विषयों से अवगत कराने का कार्य कर रही है। अधिवक्ता परिषद की मेरठ प्रांत वर्चुअल बैठक में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय मंत्रीध्प्रयागराज हाईकोर्ट के अधिवक्ता सत्यप्रकाश राय ने कहा कि मेरठ व उत्तराखंड प्रान्त प्रदेश में ही नहीं पूरे राष्ट्र के लिए प्रेरणा का कार्य कर रहे हैं। विधि से संबंधित यहां कई इकाइयां नियमित कार्य कर रही है, जिसके लिए कार्यकर्ता और कार्य अनुकरणीय है। इस महामारी में प्रकृति ने एक सन्देश दिया है कि हमें प्रकृति की ओर लौटना होगा। अधिवक्ता परिषद अपने 25 वर्ष पूरे कर चुका है। पूरे देश में जो न्यायप्रवाह के सदस्यों की संख्या है उससे कई गुणा उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की है, इसके लिए मेरठ प्रान्त बधाई का पात्र हैं। वर्तमान में हमें परिषद की दृष्टि व लक्ष्य को समझना होगा। जिलों में होने वाले कार्यक्रमों को हमें तहसील स्तर तक ले जाने की जरूरत है। परिषद वकीलों का संगठन नहीं, वकीलों के लिए संगठन है। न्याय केंद्र के उद्देश्य को समझकर हमें अधिक ध्यान देने की जरूरत है। जिससे समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक निशुल्क न्याय पहुंच सके। कोरोना का बचाव कर सके। प्रान्त मंत्री रेखा शर्मा व उत्तराखंड प्रदेश महामंत्री अनुज कुमार शर्मा ने सभी कार्यकर्ताओं से संगठन को मजबूत व उद्देश्यपरक बनाने की मांग की। वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता कर रहे कार्यकारी यूपी प्रदेश अध्यक्ष नरोत्तम कुमार गर्ग,प्रदेश अध्यक्ष रमेश सक्सेना व महामंत्री शीतला प्रसाद गौड़ ने संबोधित किया। संचालन पदम् सिंह एडवोकेट ने किया। क्षेत्रीय मंत्री चरण सिंह त्यागी, विपिन त्यागी, जानकी सूर्या, संजय जैन, प्रणव बंसल, नितिन गर्ग,शुचि शर्मा, प्रमोद त्यागी,विशाल राणा, रेखा चैहान अमित शर्मा, अमित मित्तल, विवेक कोचर और लोकेश दक्ष मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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