हरिद्वार। 12वीं का (सीबीएसई) परीक्षा परिणाम से गायत्री विद्यापीठ परिवार खासे उत्साहित हैं। एक दूसरे को बधाई देने का तांता लगा रहा है। विद्यार्थी से लेकर अभिभावक व प्रधानाचार्य सभी एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज का रिजल्ट इस बार विगत वर्ष से अधिक खुशी देने वाला रहा। विद्यापीठ के दस छात्र-छात्रा 90 प्रतिशत से अधिक अंक के साथ उत्तीर्ण हुए। पयश्विनी प्राची (कला संकाय) 98 प्रतिशत के साथ विद्यापीठ टॉपर होने का गौरव प्राप्त किया। पयश्वनी सिविल सविसेस के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहती हैं। हरिओम (कला संकाय) ने 95.4 प्रतिशत, साक्षी (कला संकाय) 95.2 प्रतिशत, कोशी कर्णवाल (कला संकाय) 95 प्रतिशत, आयुष जोशी (विज्ञान संकाय) 94.6 प्रतिशत, जितेन्द्र जोशी (विज्ञान संकाय) 94.6 प्रतिशत, नंदिनी रावत (विज्ञान संकाय) 94.4, अंशिता (कला संकाय) 94 प्रतिशत, श्रेयांश वशिष्ठ (कामर्स संकाय) 93.6 तथा प्रियंका यादव (कला संकाय) 92.8 प्रतिशत के साथ गायत्री विद्यापीठ के नाम को रोशन किया। गायत्री विद्यापीठ के ये होनकार बच्चे इंजीनियर, सीए, न्यायिक सेवा, चिकित्सा क्षेत्र की दिशा में अपना कदम बढाया है, तो वहीं विद्यापीठ के कई विद्यार्थी आगे चलकर राष्ट्र की सुरक्षा में अपनी सेवा देना चाहते हैं। गायत्री विद्यापीठ के अभिभावकद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने बच्चों को अपनी शुभकामनाएँ देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विद्यापीठ व्यवस्था मण्डल की प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या सहित सभी शिक्षकों ने भी बच्चों को बधाई दीं। विद्यापीठ के प्रधानाचार्य सीताराम सिन्हा ने सभी को बधाई दी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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