हरिद्वार। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय सचिव विजय सिंह पाल व युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सैनी के संयोजन में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर मंडल आयोग की सिफारिशों के अनुरूप ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की मांग की है। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय सचिव विजय सिंह पाल ने बताया कि मंडल आयोग द्वारा 52 प्रतिशत आबादी वाले ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की अनुशंसा की है। जबकि उत्तराखण्ड मे ओबीसी को केवल 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। जोकि ओबीसी समाज के साथ अन्याय है। उन्होंने बताया कि राज्य गठन के पश्चात मंडल आयोग की सिफारिशों का उल्लंघन कर भौगोलिक व आर्थिक आधार पर कई स्वर्ण जातियों को ओबीसी में शामिल कर आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। जबकि केंद्र सरकार ने आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया है। ऐसे में स्वर्ण जातियों को ओबीसी कोटे से आरक्षण का लाभ देना वास्तविक रूप से आर्थिक व शैक्षिक रूप से पिछडे़ समाज के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों को भी सरकार सार्वजनिक नहीं कर रही है। आंकड़ों के अभाव में ओबीसी समाज के लिए उत्थान के लिए योजनाएं भी लागू नहीं की जा रही हैं। ओबीसी समाज के नाम पर सरकारी धन का गोलमाल किया जा रहा है। राज्य में हुआ छात्रवृत्ति घोटाला इसका बड़ा उदाहरण है कि किस प्रकार ओबीसी छात्रों को मिलने वाली वजीफे की राशि में गोलमाल किया गया। विजय सिंह पाल ने आरोप लगाया कि पिछड़े समाज पर झूठे मुकद्मे किए जा रहे हैं। हाल ही में फेरूपुर में सामाजिक सम्मेलन करने पर सैनी समाज के लोगों के खिलाफ कोविड नियमों के उल्लंघन का मुकद्मा दर्ज कर दिया गया। जिसे तत्काल वापस लिया जाए। युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सैनी ने उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज का राजनैतिक लाभ लिया जा रहा है। सरकारें ओबीसी समाज के उत्थान में योगदान नहीं दे रही हैं। मिलने वाले आरक्षण में भी भेदभाव पूर्ण नीति अपनायी जा रही है।
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