हरिद्वार। भारतीय हिंदू वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रमोहन कौशिक ने प्रेस को जारी बयान में उत्तराखंड सरकार द्वारा 1 अगस्त से स्कूल खोले जाने के निर्णय को सरकार द्वारा जल्दबाजी मे लिया गया फैसला करार देते हुए कहा कि शिक्षा मनुष्य जीवन के लिए अति आवश्यक हैं परंतु शिक्षा के लिए छात्र-छात्राओं के जीवन को संकट में डाल देना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर एक्सपर्टो द्वारा बच्चों के लिए घातक बताई जा रही है! उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु अभी तक बच्चों के लिए देश में वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं हो पाई है जिस कारण अभी तक बच्चों का वैक्सीनेशन भी नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि अभी तक 18 प्लस वाले बच्चों का भी पूर्ण रूप से वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है, ऐसे में जल्दबाजी कर स्कूलों का खोला जाना कदापि न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के घातक परिणाम पूरा देश अभी तक भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों परिवार अभी तक अपने सगे संबंधियों को खोने का गम नहीं भुला पाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जल्दबाजी कर स्कूलों का खोला जाना बच्चों के जीवन के लिए बड़ा संकट ना बन जाए इसके लिए उत्तराखंड सरकार को पुनः विचार कर 12वीं क्लास तक के स्कूलों को अभी कुछ वक्त और बंद रखा जाना चाहिए। छात्र छात्राओं की ऑनलाइन पढ़ाई प्रारंभ रखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए कोविड-नियमों का पालन कराते हुए पीजी कॉलेज डिग्री कॉलेजों को खोलने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए और कॉलेजों में भी 18 प्लस वाले जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है ऐसे छात्र छात्राओं को कॉलेज जाने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री एवं देश के गृहमंत्री को भी पत्र लिखा जाएगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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