हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा संस्कृत के प्रचार-प्रसार एवं बाल प्रतिभा विकास के लिए प्रदेश के प्रत्येक जनपद में प्राथमिक स्तर में ऑनलाइन जनपदस्तरीय संस्कृतगान प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश के समस्त राजकीय, अशासकीय व प्राइवेट विद्यालयों के नर्सरी से 5वीं कक्षा तक के छात्र और छात्राएं प्रतिभाग कर सकते हैं। इस प्रतियोगिता में एकल मंत्र, संस्कृत स्तोत्र, एक संस्कृत गीत, गीताश्लोक, संस्कृत वन्दना गायन में से किसी एक में ही प्रतिभागी प्रतिभाग कर सकते हैं। अकादमी के सचिव डा. आनन्द भारद्वाज ने बताया कि प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के लिए प्रतिभागी को गूगल फार्म पर अपना पंजीकरण 4 अगस्त की रात 10 बजे तक करना होगा। उन्होंने बताया कि 6 अगस्त तक न्यूनतम 2 मिनट से अधिकतम 3 मिनट की सुन्दर प्रस्तुति का वीडियो अपने जनपद के व्हाट्सएप ग्रुप में प्रेषित करना होगा। वीडियो परीक्षण के उपरान्त जनपद के प्रतिभा प्रदर्शनम् नामक फेसबुक पर अपलोड किया जायेगा। फेसबुक पेज पर दर्शक संख्या के आधार पर अधिकतम 25 फीसदी अंक दिये जायेंगे तथा 75 फीसदी अंक 02 निर्णायकों द्वारा देय होंगे। कुल 100 फीसदी अंकों के आधार पर सर्वाधिक अंक प्राप्त विजेता प्रतिभागी को प्रत्येक जनपद में प्रथम को 2100, द्वितीय को 1500 और तृतीय को 1000 तथा 2 प्रोत्साहन 500-500 रुपये के पुरस्कार और ई-प्रमाणपत्र प्रदान किये जायेंगे। डा. भारद्वाज ने बताया कि प्रत्येक जनपद में प्रतियोगिता के सफल संचालन के जनपद संयोजक व सह संयोजक नामित किये गये है। हरिद्वार में डा. श्याम लाल गौड़ व आकाश प्रसाद कोटनाला, उत्तरकाशी में उत्तरकाशी में चंद्रशेखर नौटियाल और प्रदीप कोठारी, चमोली में ऋषि राम बहुगुणा व प्रदीप मलासी, रुद्रप्रयाग में सुखदेव प्रसाद सिलोड़ी व पंकज पंत, टिहरी गढ़वाल में कृष्ण कुमार कोटनाला व राहुल देव, देहरादून में मनोज शर्मा व नवीन भट्ट, पौड़ी गढ़वाल में रोशन लाल गौड़ व कुलदीप कुमार मेंदोला, पिथौरागढ़ में गोपेश पांडे व पवन पाठक, चंपावत में हरीश चंद्र गहतोड़ी व डॉ हरिशंकर गहतोड़ी, अल्मोड़ा में अर्जुन सिंह व अनिल ढौंढियाल, बागेश्वर में डॉ चंद्रशेखर भट्ट व राजेंद्र सिंह, नैनीताल में डॉ चंद्रप्रकाश उप्रेती व डॉ नीरज कुमार जोशी, उधमसिंह नगर में डॉ जगदीश चंद्र पांडे व भानु प्रकाश पांडे को क्रमशः जनपद संयोजक और सह संयोजक नामित किया गया है तथा राज्य संयोजक के रूप में डॉ. हरीश चंद्र गुरुरानी शोध अधिकारी व सहसंयोजक किशोरीलाल रतूड़ी को नामित किया गया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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