हरिद्वार। श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व कोविड गाइडलाइन के चलते सूक्ष्म रूप से मनाया गया। इस बार अखाड़े में झांकियां नहीं सजाई गईं। केवल अखाड़े को रंग बिरंगी लाइटों से भव्य रूप से सजाकर मंदिर में पूजा अर्चना कर विश्व कल्याण और कोरोना से मुक्ति की कामना भगवान से की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमहंत महेश्वरदास और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अवूदई कृष्ण राज एस ने किया। इस मौके पर महंत महेश्वर दास ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जग के पालनहार हैं। भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन में बहुत बड़े कार्य करते हुए जनकल्याण और लोगों को शिक्षित करने का कार्य किया है। कोठारी महंत दामोदर दास ने कहा कि हर वर्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। कोरोना संक्रमण के चलते अखाड़े में झांकियां नहीं लगाई गईं। सूक्ष्म रूप से कार्यक्रम का आयोजन करते हुए कोविड गाइडलाइन के तहत अखाड़े में पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर सत्यानंद, निरंजन दास, ज्येन्द्र मुनि, प्रेमदास, दर्शन दास, गोविंद दास, मुरली दास, ब्रह्म मुनि, केवलानंद वलवनत मुनि आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment